उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का सोमवार को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया. मुलायम सिंह के निधन पर उनके बेटे और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का पहला रिएक्शन सामने आया है और उन्होंने बताया कि मेरे आदरणीय पिता जी और सबके नेता जी नहीं रहे. समाजवादी पार्टी (SP) के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर अखिलेश यादव का बयान जारी किया गया.

मुलायम सिंह यादव को 22 अगस्त को सांस लेने में तकलीफ और लो ब्लड प्रेशर की शिकायत के बाद मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था, हालांकि उनकी तबीयत में सुधार नहीं हो रहा था और 1 अक्टूबर की रात को आईसीयू में शिफ्ट किया गया था, जहां एक डॉक्टरो का पैनल उनका इलाज कर रहा था.

पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर मुलायम सिंह यादव के निधन पर दुख जताया. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘मुलायम सिंह यादव जी एक विलक्षण व्यक्तित्व के धनी थे. उन्हें एक विनम्र और जमीन से जुड़े नेता के रूप में व्यापक रूप से सराहा गया, जो लोगों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील थे. उन्होंने लगन से लोगों की सेवा की और लोकनायक जेपी और डॉ. लोहिया के आदर्शों को लोकप्रिय बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया.’

दूसरे ट्वीट में पीएम मोदी ने कहा, ‘मुलायम सिंह यादव जी ने यूपी और राष्ट्रीय राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई. वह आपातकाल के दौरान लोकतंत्र के लिए एक प्रमुख सैनिक थे. रक्षा मंत्री के रूप में, उन्होंने एक मजबूत भारत के लिए काम किया. उनके संसदीय हस्तक्षेप व्यावहारिक थे और राष्ट्रीय हित को आगे बढ़ाने पर जोर देते थे.’

पीएम मोदी ने तीसरे ट्वीट में कहा, ‘जब हमने अपने-अपने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के रूप में काम किया, तब मुलायम सिंह यादव जी के साथ मेरी कई बार बातचीत हुई. घनिष्ठता जारी रही और मैं हमेशा उनके विचारों को सुनने के लिए उत्सुक था. उनका निधन मेरे लिए एक पीड़ा है. उनके परिवार और लाखों समर्थकों के प्रति संवेदना. शांति.’

मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को हुआ था और वो 82 वर्ष के थे. मुलायम सिंह ने अपने करियर की शुरुआत एक पहलवान के रूप में की थी. इसके अलावा वह एक टीचर भी थे और उन्‍होंने कुछ समय तक इंटर कॉलेज में छात्रों को पढ़ाया था. उनके पिता उन्‍हें पहलवान बनाना चाहते थे. फिर अपने राजनीतिक गुरु नत्‍थू सिंह से प्रभावित होने के बाद मुलायम सिंह यादव ने जसवंतनगर विधानसभा सीट से चुनावी अखाड़े से कदम रखा. वह 1982-1985 तक विधान परिषद के सदस्‍य रहे.