मेरठ। मेरठ और आसपास के जिलों में बुधवार की शाम को आफत बनकर बरसी बारिश के बाद गुरुवार को मौसम के साफ रहने के संकेत हैं। गुरुवार की सुबह साफ आसमान पर धूप खिली। शुक्रवार से कई क्षेत्रों में तापमान में बढ़ोतरी होगी। बता दें कि अप्रैल में सूर्य देव के तेवर तल्ख रहे। माह में 20 दिन तो हीट वेव का प्रकोप रहा। आम जनमानस हलकान होता नजर आया। एक बार फिर प्रचंड धूप से सामना होगा और ऐसे अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी जरूरी है। इस बीच बारिश से गेहूं की थ्रेसिंग को ब्रेक लग गया। बारिश कई फसलों के लिए मुफीद साबित होगी।
मौसम विज्ञानी की माने तो सात मई से एक बार फिर गर्मी प्रचंड रूप ले सकती है अर्थात तापमान 45 डिग्री के बिंदु को छूने की आशंका है। कृषि विवि के मौसम केन्द्र के प्रभारी डा यूपी शाही के अनुसार अप्रैल में 15 दिनों तक तापमान 40 डिग्री से अधिक रहा, जिसमें 28 अप्रैल को सार्वकालिक अधिकतम तापमान 42.7 डिग्री आंका गया था। यह स्थिति इसलिए गंभीर है कि क्योकि विगत वर्षो में अप्रैल में एक-दो दिन ही तापमान 40 डिग्री आंका जाता था।
वहीं मेरठ में बुधवार की दोपहर में आग बरसा रहे सूरज को शाम चार बजे बादलों ने आगोश में ले लिया और शाम होने से पहले ही अंधेरा छा गया। माल, बाजार, सार्वजनिक स्थल और पार्क ईद की खुशियां मना रहे लोगों से पटे हुए थे। अंधड़-बारिश से कुछ ही देर में बाजारों में सन्नाटा छा गया। रात 11 बजे तक गुलजार रहने वाले लालकुर्ती, पैंठ, सदर और आबू लेन बाजार सात बजे ही बंद हो गए। बुधवार दोपहर मौसम विभाग ने मेरठ, शामली, सहारनपुर, बागपत समेत सात जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया था।
तात्कालिक पूर्वानुमान में डस्ट स्टार्म (धूल भरी आंधी) की आशंका जतायी थी। 40 से 55 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से अंधड़ (डस्ट स्टार्म ) चला। इसमें हवाएं घेरा बनाते हुए तेजी से ऊपर उठती हैं। मौसम केंद्र के प्रभारी डा. यूपी शाही ने बताया कि पश्चिम विक्षोभ के अचानक तीव्रता पकडने से आंधी और बारिश हुई है। गुरुवार को मौसम साफ रहेगा।
बारिश से गेहूं की थ्रेसिंग को ब्रेक लग गया। कृषि विवि के प्रोफेसर आरएस सेंगर के अनुसार जो गेहूं की कटाई से रह गए हैं पानी पड़ने से उनको नुकसान होगा। दाना काला पड़ सकता है। बागों में आम भी टूट कर गिर गए । भूसा का नुकसान हुआ है। 10 से 15 प्रतिशत आम के नुकसान का अनुमान है। जायद में बुवाई की गई मूंग, सूरजमुखी, उड़द, लोबिया, बरसीम, ज्वार व मक्का के अलावा तुरई, लौकी, खीरा, ककड़ी, तरबूज व खरबूजा के लिए यह बारिश फायदेमंद होगी।