वाराणसी: देश में एचएमपीवी का केस मिलने पर स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है। इधर, वाराणसी के सीएमओ ने कहा कि इलाज और जांच की पर्याप्त व्यवस्था है। साथ ही बीएचयू के विशेषज्ञों ने बचाव और सतर्कता बरतने के सुझाव दिए हैं।

देश में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) का केस मिलने के बाद स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है। लालबहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बाबतपुर पर निगरानी के विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं, जहां कर्नाटक, गुजरात और तमिलनाडु सहित अन्य प्रदेशों से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग की जाएगी।

वाराणसी से बंगलूरू की सीधी फ्लाइट है। अहमदाबाद के लिए भी फ्लाइट उड़ान भरती है। कर्नाटक और गुजरात में वायरस संक्रमित मिल चुके हैं। इसलिए खास सतर्कता बरतने की तैयारी है। फिलहाल, स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों की टीम गठित कर दी है। अब शासनस्तर से विस्तृत गाइडलाइन का इंतजार है।

वायरस से बचाव के प्रति लोगों को जागरूक रहने की जरूरत है। अस्पतालों में जांच और इलाज की सुविधाएं हैं। घबराने की जरूरत नहीं है। इस मौसम में सेहत का ख्याल रखें। सतर्कता बरतने की जरूरत है। स्वास्थ्य महकमा बाबतपुर एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग कराने के लिए तैयार है। इसके लिए टीम गठित की जा चुकी है। -डॉ. संदीप चौधरी, सीएमओ

इस मौसम में इन्फ्लूएंजा के साथ अन्य वायरस भी प्रभावी होते है। घबराने की जरूरत नहीं है। सर्दी, खांसी, बुखार, जुकाम हो तो बिना डॉक्टर की सलाह के न तो जांच कराएं और न ही कोई दवा लें। घर से बाहर निकलने पर खास सतर्कता बरतनी चाहिए।– प्रो. गोपालनाथ, माइक्रोबायोलॉजी विभाग, बीएचयू

देश में जो भी केस आए हैं, उनमें बच्चों की संख्या ज्यादा है। इस मौसम में बच्चों में बुखार, सर्दी, खांसी, जुकाम के साथ ही निमोनिया होने की संभावना बढ़ जाती है। दो दिन से ज्यादा समय तक बुखार न छोड़े तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। -प्रो. सुनील कुमार राव, बाल रोग विशेषज्ञ, बीएचयू

एचएमपीवी एक आरएनए वायरस है। इसके प्रभाव से बच्चों में बुखार, खांसी, सांस का तेज चलना और कुछ केस में ऑक्सीजन में गिरावट भी देखने को मिल रही है। वैसे तो पांच साल से कम उम्र वाले बच्चों पर इसका असर ज्यादा है, लेकिन 15 साल तक के बच्चों, 65 साल से ऊपर के बुजुर्गों को सेहत को लेकर सतर्क रहना चाहिए। बच्चों को नियमित टीकाकरण करवाते रहना चाहिए। ऐसा इसलिए कि टीकाकरण से उनके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहती है। – डॉ. आलोक कुमार भारद्वाज, पूर्व अध्यक्ष, भारतीय बाल अकादमी वाराणसी शाखा

ये बरतें सावधानी

  1. पांच साल तक के बच्चों को अगर बुखार हो तो ऑक्सीजन की नियमित जांच करते रहना चाहिए।
  2. बच्चों को भीड़ भाड़ वाली जगह पर ले जाने से बचें।
  3. अगर घर में किसी को बुखार या जुकाम है तो उसको लेकर भी सतर्क रहना चाहिए।
  4. बिना चिकित्सकीय सलाह के बच्चों को दवा न दें और तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।