मेरठ| मेरठ में अखिल भारतीय जाट महासभा की ओर से केन्द्र में आरक्षण की मांग को लेकर कंकरखेड़ा के शगुन फार्म हाउस में प्रांतीय समनेल का आयोजन किया गया। सम्मेलन में जाटों ने आरक्षण के लिए हुंकार भरी। मुख्य वक्ता चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि जाटों को आरक्षण मिलना चाहिए। इस कौ का हर क्षेत्र में सर्वाधिक योगदान रहा है। आरक्षण समाज का हक है। आज इसी के लिए उत्तर प्रदेश के अन्य राज्यों से भी जाट समाज के लोग आज जुड़े हैं।

उन्होंने कहा कि हमारा चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है बल्कि जाट अपना अस्तित्व बचाने के लिए एकजुट हुए हैं। जाटों का इतिहास दबाया जा रहा है, इतिहास में हमारा योगदान है और जाट इसके हकदार है। सम्मेलन को अखिल भारतीय जाट महासभा के राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह, प्रदेश अध्यक्ष प्रताप चौधरी ने कहा कि हर हाल में हम आरक्षण लेकर रहेंगे, इसके लिए चाहे हमे आंदोलन ही क्यों न करना पड़े।

जाट महासभा के प्रांतीय सम्मेलन पहुंचे नरेश टिकैत ने कहा कि यहां बिरादरी एकत्र हुई है किसी पार्टी का झंडा नहीं है। समाज की कुरीतियों को लेकर जाट समाज एकत्र हााआ है। जाट आरक्षण के हकदार हैं और उन्हें केंद्रीय सेवाओं में आरक्षण मिलना चाहिए। लोकसभा चुनाव से इसका कोई लेना देना नहीं है, जिसकी जहां मर्जी हो वहां वोट करे। उन्होंने कहा कि इतिहास में जाट समाज का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, समाज सुधार के कार्यों में भी जाटों का योगदान रहा है। कहा कि देश के प्रधानमंत्री का कोई विरोध नहीं है।

जाट महासभा में चौधरी प्रदुम्न सिंह, राजस्थान से आये राजा राम मील, राजेन्द्र सिंह सिरोही ने भी संबोधित किया। इस मौके पर अखिल भारतीय राष्ट्रीय जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष प्रताप चौधरी, सुधीर चौधरी व पंजाब, दिल्ली और हरियाणा समेत कई राज्य से आये जाट समाज के लोग शामिल रहे।

प्रांतीय सम्मेलन में राष्ट्रीय लोकदल के भी कई बड़े नेता कार्यक्रम में रहे। रालोद के रास्ट्रीय सचिव डॉ. राजकुमार, सांगवान, सुनील रोहटा, अशोक, गौरव काफी संख्या में बड़े रालोद नेता जाट समाज को केंद्र में आरक्षण दिलाने के लिए आगे आए।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति का प्रमुख आधार माना जाने वाला जाट समुदाय मेरठ की क्रांति भूमि से राजनीति की दशा और दिशा तय करने जा रहा है। एक अक्तूबर को अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद में राजनीति, कला, शिक्षा, साहित्य, संस्कृति, रोजगार, सृजन व गौरवशाली जाट इतिहास को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य को लेकर चर्चा होगी।

इसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड सहित गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, मध्यप्रदेश व पश्चिम बंगाल आदि सभी राज्यों में निवास कर रहे जाट समाज के प्रतिनिधियों के साथ देश व दुनिया भर से जाट समाज के लोग इस अधिवेशन का हिस्सा बनेंगे। इससे पहले आज हुए जाट महासभा के इस आयोजन ने जाट आरक्षण को लेकर सियासी सरगरमियां तेज कर दी हैं।