प्रतापगढ़. उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में जहां एक ही माता-पिता के 4 बच्चे अफसर हैं, वह भी कोई छोटे माेटे अफसर नहीं, बल्कि आईएएस आईपीएस. 4 भाई-बहनों में 3 IAS और एक IPS है. जानकारी के मुताबिक, मामला लालगंज कोतवाली इलाके के इटौरी गांव का है, जहां अनिल मिश्र बैंक मैनेजर के पद पर कार्यरत थे. बैंक की नौकरी के सहारे अपने बच्चों और परिवार को आगे बढ़ा रहे थे. अनिल मिश्र के चार बच्चे, दो भाई और दो बहन. सबसे बड़ी क्षमा मिश्रा सबसे बड़ी बेटी थीं, जबकि दूसरे नंबर पर योगेश, तीसरे नंबर के रूप में बेटी माधवी व चौथे नंबर पर लोकेश मिश्र थे.

मिडिल क्लास फैमिली और पिछड़े जिले के रूप में पहचान रखने वाला प्रतापगढ़ में सभी ने शिक्षा ग्रहण की, जिसके बाद सबसे पहले योगेश ने 2013 में यूपीएससी सिविल परीक्षा पास की IAS बने, जिसके बाद 2015 में माधवी मिश्रा भी IAS बन गयीं. वहीं जून 2016 में क्षमा मिश्रा का IPS में सेलेक्शन हो गया, जबकि सबसे छोटे बेटे लोकेश IAS बन गए. इसी प्रकार अनिल मिश्र के चारों बच्चे आज IPS और IAS हैं, प्रतापगढ़ जैसे छोटे शहर के रहने वाले चारों भाई-बहन आज प्रतापगढ़ और प्रदेश का मान बढ़ा रहे हैं, प्रतापगढ़ के लोग आज उस परिवार से प्रेरणा ले रहे हैं, अपने बच्चों को उस घर की कहानी सुनाते हैं.

चारों भाई-बहन में सबसे बड़ी बहन क्षमा मिश्रा आईपीएस हैं और उनकी तैनाती कमांडेंट स्टेट पुलिस लाइन बेंगलुरु में हैं. जबकि उनसे छोटे भाई योगेश आईएएस हैं, इस समय उनकी तैनाती ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में है. माधवी मिश्रा का चयन आईएएस में हुआ, जो झारखंड के रामगढ़ में डिप्टी कमिश्नर के पद पर तैनात है. वहीं घर के सबसे छोटे लोकेश मिश्रा भी घर का नाम रोशन करते हुए आईएएस बने. इनकी तैनाती इस समय झारखंड राज्य के कोडरमा में डीसीसी के पद पर तैनात है.

क्षमा मिश्रा, जो सिविल सेवा की तैयारी कर रही थीं, अपने पहले तीन प्रयासों के दौरान इसे पास नहीं कर सकीं. हालांकि, उन्होंने अपने चौथे प्रयास के दौरान परीक्षा पास की और अब एक आईपीएस अधिकारी हैं.

माधवी मिश्रा भी लालगंज के एक कॉलेज से स्नातक करने के बाद, परास्नातक की डिग्री लेने के लिए प्रयागराग चली गईं. इसके बाद उन्होंने 2014 में यूपीएससी की परीक्षा सफलतापूर्वक पास की और झारखंड कैडर की आईएएस अधिकारी बन गईं.

लोकेश मिश्रा, (जो अब बिहार कैडर में हैं) सबसे छोटे भाई हैं और 2015 में यूपीएससी परीक्षा में उन्हें 44वां स्थान मिला था. गर्वित पिता ने इस बारे में अपनी भावनाएं प्रकट करते हुए कहा कि ईश्वर की कृपा है, आज चारों बच्चे अफसर है, उन्होंने पूरे प्रदेश का गौरव बढ़ाया.

आज चार भाई-बहन भले ही अफसर हों लेकिन उन्होंने लालगंज लीलावती और राम अजोर इंटर कालेज से अपनी पढ़ाई पूरी की. IPS क्षमा मिश्रा ने इंटर और हाई स्कूल में जिले में टॉप किया था और प्रदेश में 6वां स्थान था. एक ही माता-पिता की संतान के चारों भाई-बहन ने ऊंचाई की वो इबारत लिखी है, जो दूसरों के लिए नजीर बन गयी. वहीं पिता अनिल मिश्र भी मानते हैं कि यह बच्चों की लगन का नतीजा है, साथ ही ईश्वर की शक्ति और आशीर्वाद के चलते ये संभव हो पाया.

वहीं IAS योगेश और उनके सभी भाई-बहनों को पढ़ाने वाले विजय तिवारी का कहना है बच्चों में बचपन से ही गजब की प्रतिभा थी, लेकिन इतना नहीं पता था कि हमारे पढ़ाए सभी बच्चे आईएएस और आईपीएस बनकर इस इलाके का नाम रोशन कर देंगे.