डूंगरपुर. कहते हैं कि भगवान जब किसी को खुशियां देते हैं तो छप्पर फाड़कर देते हैं. ऐसा ही एक मामला यहां राजस्थान के डूंगरपुर जिले में सामने आया है. यहां तीन बेटियों की मां बेटे की चाह में फिर से गर्भवती हुई थी. उसकी खुशियों का उस समय ठिकाना नहीं रहा जब उसने एक साथ तीन बेटों को जन्म दिया. प्री-मैच्योर डिलीवरी होने के कारण तीनों नवजातों का स्वास्थ्य ठीक नहीं था. लिहाजा उनको अस्पताल में ही मेडिकल टीम की देखरेख में रखा गया था. लेकिन ये तीनों बेटे अपने घर आ गए हैं.
जानकारी के अनुसार मामला डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा इलाके से जुड़ा है. सागवाड़ा के पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय में एक महिला ने बीते 26 नवंबर को एक साथ तीन बेटों को जन्म दिया था. इससे पहले महिला की 3 बेटियां हैं. बेटे की चाह में ही महिला ने चौथे बच्चे के लिए प्रसव धारण किया था। लेकिन प्री-मैच्योर डिलीवरी होने के कारण तीनों नवजात को चिकित्सको की देख-रेख में रखा गया था. अब 25 दिनों की देखरेख के बाद बच्चों और प्रसूता को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है.
चिकित्सालय के प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉक्टर इस्माइल ने बताया की हीरा खेड़ी पिंडावल निवासी 29 वर्षीय बदू पत्नी जयन्तिलाल के पहले तीन बेटियां हैं. लेकिन बेटे की चाह के चलते बदू फिर से गर्भवती हुई. उसका उपचार सागवाड़ा अस्पताल में चल रहा था. 26 नवंबर को प्रसव पीड़ा होने पर बदु को सागवाड़ा अस्पताल के महिला एवं शिशु रोग विंग में भर्ती करवाया गया था. यहां उसने एक साथ तीन बेटों को जन्म दिया. डॉक्टर इस्माइल ने बताया की बदू के डिलीवरी प्री-मैच्योर हुई थी. इसके कारण तीनों नवजात काफी कमजोर थे.
उसके बाद नवजातों को एसएनसीयू (स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट) में भर्ती कर उनका इलाज शुरू किया गया. डॉक्टर और स्टाफ के भरसक प्रयासों से तीनों बच्चों को सही तरीके से उपचार किया गया और आज वे स्वस्थ हैं. तीनों बच्चों के स्वस्थ होने के बाद उनको सागवाड़ा अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. उधर बदू जब एक साथ तीन बेटों को लेकर घर पहुंची तो वहां जश्न का माहौल हो गया. एक साथ तीन-तीन बेटों को देखकर परिजन बेहद खुश हुए.