इलाहाबाद. चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश में एक बड़ी खबर सामने आ रही है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने समाजवादी पार्टी सांसद आजम खान को नोटिस भेजा है. हाई कोर्ट ने उनसे पूछा है कि क्या वह अपना वकील रखेंगे या फिर उनका पक्ष अदालत में रखने के लिए कोर्ट न्यायमित्र को नियुक्त करे. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जेल प्रशासन से कहा है कि वह इस आदेश को तामील कराए. बता दें कि सपा सांसद आजम खान सीतापुर जेल में बंद हैं. उनपर विभिन्न मामलों में केस चल रहे हैं. उन्हें कई मामलों में जमानत मिल चुकी है, जिसके खिलाफ कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है. बता दें कि अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने आजम खान को विधानसभाा चुनाव में बतौर प्रत्याशी भी उतारा है.
समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान फिलहाल सीतापुर जेल में बंद हैं. आजम खान पर कई मामले दर्ज हैं. आजम खान को कई मामलों में जमानत मिल चुकी है. राज्य सरकार ने आजम खान को मिली जमानत का विरोध करते हुए कोर्ट में अर्जी दाखिल की है. अब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस मामले में आजम खान से पूछा है कि वह अपना वकील रखेंगे या फिर कोर्ट अपनी तरफ से इस मामले में न्यायमित्र की नियुक्ति करे? कोर्ट ने सीतापुर जेल अधीक्षक को आदेश को तामील कराने का निर्देश दिया है. जस्टिस राजीव गुप्ता की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की. अब इस मामले पर अगली सुनवाई 21 फरवरी को होगी.
सपा सांसद आजम खान की 2 याचिकाओं पर सुनवाई स्थगित कर दी गई. बताया जा रहा है कि सपा नेता की ओर से वकील के न आने पर कोर्ट को मामले की सुनवाई स्थगित करनी पड़ी है. अब इन मामलों पर 24 फरवरी को सुनवाई की जाएगी. वहीं, आजम खान के बेटे अदीब आजम की याचिका पर भी अब 23 फरवरी को सुनवाई होगी.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान को बड़ा झटका लगा है. लखनऊ की विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अमरीश कुमार श्रीवास्तव ने 28 फरवरी को 3 साल पुराने एक आपराधिक मामले में सीतापुर जेल में बंद पूर्व मंत्री आजम खान की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद खान की जमानत अर्जी खारिज करते हुए अदालत ने करते हुए कहा कि आरोपी ने ऐसे तथ्यों को प्रकाशित किया, जो लोकभय उत्पन्न करते हैं, जिससे कोई व्यक्ति या समुदाय लोक शांति को भंग करने के लिए उत्प्रेरित हो सकता है.