इस दौरान आंदोलनरत किसान संगठनों के आंदोलन को अन्य राज्यों में विस्तार देने की कोशिशों पर भी चर्चा हुई। दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलनकारी किसान संगठनों की घटती संख्या के बाद किसान संगठनों ने आंदोलन को विस्तार देने केलिए गुजरात, मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार के किसान संगठनों से संपर्क साधा है। किसान संगठनों की कोशिश 18 फरवरी को प्रस्तावित रेल रोको आंदोलन के जरिये सरकार को अपनी ताकत दिखाने की है।

कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चे की ओर से 18 फरवरी को देश भर में चार घंटे तक ट्रेनें रोकने का एलान किया गया है। इसको लेकर जीआरपी और आरपीएफ अलर्ट हो गई है। इसके चलते जीआरपी और आरपीएफ कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। साथ ही आरपीएफ ने मुख्यालय पत्र लिखकर एक बटालियन भी मांगी है।

रेल पटरी को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ आजीवन कारावास तक का प्रावधान होने के बावजूद सख्ती नहीं हो पाती है। इस वजह से रेलवे यात्रियों को परेशान करने व रेलवे संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने का सिलसिला नहीं थम रहा है। इसके चलते दिल्ली-अंबाला और सोनपत-गोहाना-जींद सेक्शन पर आरपीएफ व जीआरपी ने रेलवे ट्रैक की गश्त बढ़ा दी है। इसके साथ जीआरपी व आरपीएफ कर्मियों की छुट्टी भी कर दी गई हैं।