अमृतपाल ने हाल ही में वीडियो जारी किया है. इस वीडियो में उसने भारत और विदेशों में सिख समुदाय के लोगों से अन्याय के खिलाफ लड़ने का आह्वान किया है. उसने कहा उसके साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन पर एनएसए लगा दिया गया. बताया जा रहा है कि भगोड़े का ये वीडियो ब्रिटेन से जारी किया गया है. ये एक से दो दिन पुराना माना जा रहा है. जिस यूट्यूब चैनल से ये वीडियो जारी हुआ है, उसे सरकार ने बैन कर दिया है.

वीडियो में भगोड़ा अमृतपाल यह कहते हुए सुना जा सकता है कि सिखों को एक बड़े मकसद के लिए एकजुट होना है. वीडियो में अमृतपाल सिंह ने 18 मार्च की घटना के बारे में बताया. साथ ही उसने बोला कि सरकार ने सभी लोगों पर यहां तक ​​कि महिलाओं और बच्चों पर भी अत्याचार किया है. सरकार ने जत्थेदार अकाल तख्त के 24 घंटे के आह्वान का भी पालन नहीं किया है.

अमृपाल ने अपने एक साथी का जिक्र किया, जिसमें वह कहता है कि बाजेके (अमृतपाल का साथी) एक साधारण सिख था और उस पर भी एनएसए लगा दिया गया.

वीडियो में अमृतपाल बोला, हुकूमत ने प्रधानमंत्री बाजेके (अमृतपाल का साथी) के उपर जुल्म किया है. उसके ऊपर NSA लगाकर असम भेज दिया. मेरे और साथियों को असम भेजा गया. अमृतपाल अपने वीडियो में कहता है कि हमें पता था कि हम जिस रास्ते पर चल रहे हैं हमारे सामने ये भी आएगा. हमें इसका सामना करना है.

अमृतपाल सिंह ने बैसाखी पर सरबत खालसा के मौके पर दुनियाभर के सभी सिख संगठनों से इसमें भाग लेने की अपील की है. साथ ही उसने कहा जत्थेदार को इस मामले में स्टैंड लेना चाहिए और सभी जत्थेदार और टकसाल को भी सरबत खालसा में भाग लेना चाहिए.

भगोड़ा अमृतपाल आगे कहता है, देश और विदेश में जो भी सिख लोग हैं, मैं उनसे अपील करता हूं कि वैशाखी पर जो सरबत खालसा का कार्यक्रम होना है, उसमें हिस्सा लें. हमारी कौम लंबे वक्त से छोटे-छोटे मसलों पर मोर्चे खोलने में उलझी हुई है. अगर हमें पंजाब के मसलों को हल कराना है तो एकसाथ आना होगा. सरकार ने जिस तरह से हमारे साथ धोखा किया है, उसको ध्यान में रखना होगा. कई साथियों को पकड़ा गया है और NSA लगा है, मेरे कई साथियों को असम में भेज दिया गया है. इसलिए मैं सभी सिखों से अपील करता हूं कि बैसाखी के मौके पर इकट्ठे हों.

वीडियो में अमृतपाल कहता है कि सरकार ने जिस तरह से लोगों के बीच भय पैदा किया है, उसके बाद से सिख इस सरबत खालसा में हिस्सा लेने के लिए तैयार हैं. इस बार की बैसाखी ऐतिहासिक होनी चाहिए.

सरबत खालसा एक ऐसी सभा को कहते हैं जिसमें कि कई सिख संगठन हिस्सा लेते हैं. इस दौरान पंथक संगठन आए हुए संकट का हल तलाशने के लिए चर्चा करते हैं. इसके बाद जो भी फैसला होता है तख्त साहिब के जत्थेदार कौम को उसका पालन करने के लिए आदेश देते हैं.

वीडियो में अमृतपाल कहता है कि अगर सरकार की मंशा गिरफ्तारी की होती तो सरकार मुझे गिरफ्तार कर लेती. अगर सरकार हमें घर से गिरफ्तार करती, तो हम गिरफ्तारी दे भी देते. लेकिन सरकार ने जो रवैया अपनाया है वो ठीक नहीं है. उन्होंने लाखों की फोर्स लगाकर, घेरे डालकर मुझे गिरफ्तार करने की कोशिश की थी. उस घेरे से मुझे सतगुरु सच्चे पातशाह ने निकाला.

अमृतपाल बोला, ‘उस मौके पर हमें लगा कि सरकार हमें मालवा में नहीं जाने देना चाहती थी. फिर इंटरनेट बंद हो गया, हमारा किसी के साथ संपर्क नहीं रहा. फिर खबरों का हमें पता नहीं लगा कि क्या हो रहा है. अब जब मैं खबरे देख रहा हूं, तो पता चल रहा है कि क्या हो रहा है. पंजाब की सरकार ने जुर्म की हद पार की है, जैसे सिख नौजवानों को दोषी बनाकर जेल में डाला है, औरतों और बच्चों को भी नहीं बख्शा है. ये वही काम है जो बेअंत सिंह की सरकार ने किसी टाइम पंजाब में किया था. दुनियाभर में प्रदर्शन हुए.’

आपको बता दें कि अमृतपाल ने अपना एक रिकॉर्डेड वीडियो पंजाबी में जारी किया है. इस वीडियो में अमृतपाल एक बार फिर से लोगों को भड़काने की कोशिश में जुटा है. भगोड़ा अमृतपाल पुलिस और सिस्टम को चुनौती देते हुए कह रहा है कि वक्त आ गया है, लोग अब कमर कस लें. अगर आप नहीं जागे तो फिर कभी नहीं हो पाएगा. साथ ही वो पुलिस को एक बार फिर से चुनौती दे रहा है.

अमृतपाल ने अपनी गिरफ्तारी के बारे में बोला कि वो तो वाहे गुरु के हाथ में है. अभी मेरा वक्त अच्छा चल रहा है. कोई मेरा बाल भी बांका नहीं कर सकता. वाहे गुरू ने इस मुश्किल रास्ते पर मेरा साथ दिया. वाहे गुरू की कृपा है कि मैं इतने बड़े घेरे से बाहर आ गया हूं.

अमृतपाल ‘वारिस पंजाब दे’ नामक खालिस्तानी संगठन का चीफ है. वह कुछ दिन पहले ही दुबई से लौटा है. वारिस पंजाब दे संगठन को पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू ने बनाया था. दीप सिद्धू की मौत के बाद अमृतपाल ने इस पर कब्जा कर लिया. उसने भारत आकर संगठन में लोगों को जोड़ना शुरू किया. अमृतपाल का ISI लिंक बताया जा रहा है.

अमृतपाल सबसे पहले 23 फरवरी को चर्चा में आया था. उसने अजनाला में अपने करीबी को छुड़ाने के लिए हजारों समर्थकों के साथ थाने पर हमला बोल दिया था. इस हमले में 6 पुलिसकर्मी जख्मी हुए थे. इसके बाद उसने कई टीवी चैनलों में दिए इंटरव्यू में अलग खालिस्तान की मांग की थी. अमृतपाल ने देश के गृह मंत्री अमित शाह को भी धमकी दी थी.