नई दिल्ली: क्या बिना हाथों के कार चलाई जा सकती है? जाहिर है आप कहेंगे कि बिना हाथों के कार चलाना तो संभव नहीं है। लेकिन ऐसा हो रहा है। जाने-माने उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने शनिवार सुबह एक वीडयो शेयर किया है। जिसमें एक शख्स बिना हाथों के कार चला रहा है। दरअसल यह शख्स दिव्यांग है और इसके दोनों हाथ नहीं है। विक्रम अग्निहोत्री नाम के इस शख्स ने करंट से झुलस जाने पर अपने दोनों हाथ गंवा दिये थे। लेकिन विक्रम ने हार नहीं मानी और वह अब अपने पैरों से गाड़ी चलाकर जीवन यापन करता है। उसे सरकार द्वारा पैरों से कार चलाने का लाइसेंस भी मिला हुआ है। अब आनंद महिंद्रा चाहते हैं कि यह शख्स उनकी गाड़ियां चलाएं। उन्होंने ट्विटर पर यह वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि अगर विक्रम हमारी कार चलाता है, तो यह उनके लिए बड़े सौभाग्य की बात होगी। महिंद्रा ट्विटर पर ऐसे मोटिवेशनल वीडियोज शेयर करते रहते हैं। महिंद्रा द्वारा शेयर की गई यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल है।
ट्वीट में लिखी यह बात
आनंद महिंद्रा ने विक्रम अग्निहोत्री का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘यह एक सम्मान और सौभाग्य की बात होगी कि यह आदमी हमारी कार चलाए। विक्रम, मैं आपको नमन करता हूं। आप वही हैं, जिसे हम राइज स्टोरी कहते हैं। हमें कृतज्ञता के साथ जीवन को अपनाने की प्रेरणा देने के लिए धन्यवाद।’ सोशल मीडिया पर महिंद्रा की इस पेशकश को काफी सराहा जा रहा है।
It would be an honour and a privilege to have this man drive our cars. Vikram, I bow low to you. You are what we call a Rise story. Thank you for inspiring us to embrace life with gratitude… pic.twitter.com/SyxncKOoob
— anand mahindra (@anandmahindra) May 21, 2022
7 साल की उम्र में हुआ था हादसा
विक्रम जब 7 साल के थे, तब वे करंट से झुलस गए थे। इस दुर्घटना से उनके दोनों हाथ खराब हो गए थे। इसके बाद डॉक्टर्स को विक्रम के हाथ काटने पड़े। विक्रम बड़े जिंदादिल हैं। उन्होंने हर वह काम पैरों से करना शुरू कर दिया, जो हाथों से किया जाता था। उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी। कार चलाने के साथ ही वे अच्छी स्विमिंग भी करते हैं। विक्रम पोस्ट ग्रेजुएट हैं। यही नहीं, वे एक मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं।
ड्राइविंग लाइसेंस पाना नहीं था आसान
इंदौर के रहने वाले विक्रम के लिए ड्राइविंग लाइसेंस पाना इतना आसान नहीं था। विक्रम ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने जाते, तो कर्मचारियों को लगता कि वे बिना हाथ के कार नहीं चला पाएंगे। वे कई अधिकारियों से भी मिले, लेकिन बात नहीं बनी। उन्होंने दिसंबर 2014 में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आरटीओ ऑफिस में आवेदन दिया था। लेकिन उन्हें लाइसेंस नहीं मिला। इसके बाद केंद्रीय परिवहन मंत्री और प्रधानमंत्री तक उन्होंने अपनी बात पहुंचाई। इसके बाद साल 2016 में जाकर विक्रम को ड्राइविंग लाइसेंस मिला। विक्रम भारत के बिना हाथों वाले ड्राइविंग लाइसेंस पाने वाले पहले व्यक्ति हैं।
इस तरह चलाते हैं गाड़ी
विक्रम के पास ऑटोमेटिक गियर शिफ्ट वाली कार है। वे अपने दाएं पैर से कार की स्टीयरिंग पकड़ते हैं और बायां पैर एक्सेलरेटर पर रखते हैं। खास बात यह है कि विक्रम ने खुद से ही कार चलाना सीखा है। वे बताते हैं कि उन्होंने यूट्यूब पर वीडियो देखकर कार चलाना सीखा।