शामली| सरकार ने 10 करोड़ से घटाकर 5 करोड़ से अधिक के कारोबार पर ई-इन्वॉयस अनिवार्य कर दी है, जिसके चलते शामली और बागपत की अधिकांश कंपनियां इसके दायरे में आ गईं। इन कंपनियों को ई-इन्वॉयस परडे के हिसाब से जनरेट करना होगा। बस बीटूसी वाली कंपनियों को छूट रहेगी। बीटूबी वाली कंपनी को ई-वे बिल के साथ अब ई-इन्वॉयस दोनों जनरेट करना होगा। 1 अगस्त से ई- इन्वॉयस अनिवार्य हो रहा है।
केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर विभाग के अधिकारियों ने पांच करोड़ से अधिक की इनकम वाले शामली के 12 और बागपत जिले के 7 व्यापारी चिन्हित किए हैं, जो ई-इन्वॉयस नहीं करा रहे हैं। सभी को नोटिस जारी कर 1 अगस्त से पहले ही ई-इन्वॉयस कराने की अपील की गई है। अन्य व्यापारियों को भी ई-इन्वॉयस की अहमियत बताई जा रही है। बड़े व्यापारी जहां ई- इन्वॉयस को सही बता रहे हैं। वहीं छोटे व्यापारी इसके विरोध में भी नजर आ रहे हैं।
लघु उद्योग भारती के जिला अध्यक्ष और साइमा के चेयरमैन अंकित गोयल ने बताया कि ई इन्वॉयस की लिमिट 10 से घटाकर 5 लाख रुपये करने से व्यापारियों को भी सुविधा रहेगी। पूरा व्यापार ऑनलाइन रहेगा। उन्हें किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी। वैसे तो भी व्यापारी ईमानदारी से अपना कार्य कर रहे हैं। कहा कि जीएसटी को ईडी के दायरे से बाहर करना चाहिए।
लघु उद्योग भारती के जिला कोषाध्यक्ष अपूर्व जैन का कहना है कि ई इन्वॉयस से व्यापारियों का लेनदेन भी ऑनलाइन रहेगा। इन्होंने भी जीएसटी को ईडी के दायरे से बाहर कराने की मांग की है।
शामली के सीए आकाश का कहना है कि ई इन्वायस के लिए पांच करोड़ की सलाना लिमिट से छोटे व्यापारियों की मुसीबतें बढ़ेगी। हालांकि, यह बढि़या भी है। सभी रिकाॅर्ड ऑनलाइन मिल जाएगा। सेल से लेकर परचेच का भी रिकॉर्ड तुरंत देखा जा सकेगा। ओवरऑल देखा जाए तो ई इन्वाॅयस प्लेटफार्म बढि़या है।
शामली के व्यापारी अखिल तायल ने बताया कि ई इन्वॉयस से छोटे व्यापारियों की टेंशन बढ़ेगी। उन्हें ई इन्वॉयस कराने के लिए अलग से कर्मचारियों को रखना पड़ेगा। कई व्यापारी पढ़े लिखे भी नहीं होते हैं, जिन्हें सबसे अधिक परेशानी होगी। ई इन्वॉयस के लिए लिमिट 10 करोड़ ही रहनी चाहिए।
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशनन बागपत के कन्वीनर और इंडस्ट्रीज एंड ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डॉ. योगेश जिंदल का कहना है कि बागपत में 200 से अधिक छोटे और बड़े उद्योग है। ई -इन्वॉयस से व्यापारियों की सिरर्ददी बढ़ेगी। यदि कंप्यूटर या पोर्टल ऑन नहीं है तो व्यापारी व्यापार नहीं कर पायेंगे। उनकी टेंशन बढ़ेगी।
सीए के अनुसार, ई-इन्वॉयस इलेक्ट्रॉनिक चालान-प्रक्रिया को दर्शाता है। ठीक उसी तरह जैसे कोई जीएसटी पंजीकृत व्यवसाय सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाते समय ई-वे बिल का उपयोग करता है। इसी तरह, कुछ अधिसूचित जीएसटी-रजिस्टर्ड व्यवसायों को बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी) लेनदेन के लिए ई-चालान यानि ई- इन्वॉयस जनरेट करना होगा।
केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर मंडल शामली के सहायक आयुक्त तापस चक्रवर्ती ने बताया कि ई-इनवॉयसिंग सिस्टम में कोई शिकायत नहीं है। इसे 1 अगस्त से लागू किया जा रहा है। लागू होने के बाद सेल्स रिपोर्टिंग में ज्यादा पारदर्शिता आएगी। इसके अलावा मिसमैच और एरर को दूर करने, ऑटोमेटिंग डाटा एंट्री वर्क, अनुपालन में सुधार में मदद मिलेगी। व्यापारियों को भी इसकी जानकारी दी जा रही है। शामली और बागपत के 19 व्यापारी ऐसे चिन्हित किए गए हैं, जिन्होंने अभी तक ई-इन्वॉयस नहीं किया है। उनसे ई-इन्वॉयस कराने की अपील की जा रही है।
शामली मंडल की यदि बात की जाए तो जीएसटी के दायरे में आने वाले करीब 16 हजार व्यापारी हैं। जिनमें से 250 कंपनियां शामली जबकि करीब 200 के करीब छोटे और बड़े व्यापारी बागपत जिले मे हैं।