मेरठ।   तापमान गिरने के साथ ही एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। मेरठ में सोमवार को दिन में एक्यूआई 384 और रात का 413 दर्ज किया गया। प्रदूषण बढ़ने के कारण जिले के नर्सरी से 12वीं तक के सभी स्कूल और कोचिंग सेंटर बंद कर दिए गए हैं। जिलाधिकारी दीपक मीणा ने बताया कि कोई भी विद्यालय ऑफलाइन कक्षाएं संचालित नहीं करेगा। इस आदेश का कड़ाई से पालन कराया जाएगा।

दिन में लोगों की आंखों में जलन और सांस लेने में परेशानी हुई। मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल की ओपीडी में 4739 मरीज पहुंचे। इनमें ज्यादा संख्या खांसी-जुकाम, बुखार, गले में इंफेक्शन आदि वाले रोगियों की रही। बच्चों व बुजुर्ग भी इनमें शामिल रहे।

जिलाधिकारी ने बताया कि वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के चौथे चरण के प्रावधान लागू किए गए हैं। इसके तहत सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में छात्रों को प्रदूषण से बचाने के लिए अग्रिम आदेशों तक समस्त बोर्ड के स्कूल बंद करने का फैसला लिया गया है।

प्रदूषण के कारण कई स्वास्थ्य समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है। इसमें अस्थमा, फेफड़ों की समस्या, हृदय रोग, आंखों में इंफेक्शन, फेफड़ों का कैंसर, मधुमेह और स्ट्रोक सहित कई बीमारियां हो सकती हैं।

छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. वीरोत्तम तोमर ने बताया कि बच्चों के लिए प्रदूषण साइलेंट किलर है। वायु प्रदूषण के कारण भारत सहित दुनिया भर के देशों में हर दिन कई बच्चों की मौत हो रही है। भारत की स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर (एसओजीए) 2024 रिपोर्ट के अनुसार, प्रदूषण से भारत में हर दिन पांच साल से कम उम्र के 464 बच्चों की मौत हो रही है।

छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित अग्रवाल ने बताया कि वायु प्रदूषण का स्तर अधिक होने से सबसे ज्यादा बच्चे, वरिष्ठ नागरिक और बाहरी कर्मचारी प्रभावित होते हैं। इसके अलावा पॉल्यूशन युवाओं को भी बहुत परेशान करता है। वायु प्रदूषण बच्चों के विकास को प्रभावित करता है। यह उनके फेफड़ों के विकास को रोकता है और उनकी इम्यूनिटी को कमजोर करता है। इसके चलते बच्चों सांस लेने में दिक्कत होती है और 5 साल से कम बच्चों की मौत तक हो जाती है।

एक्यूआई पर एक नजर
समय एक्यूआई
सुबह आठ बजे 302
सुबह 10 बजे 325
दोपहर 12 बजे 340
दोपहर दो बजे 366
शाम चार बजे 372
साढ़े पांच बजे 384

शहर के इलाकों में एक्यूआई
इलाका एक्यूआई
केसरगंज 350
शॉप्रिक्स मॉल 372
गंगानगर 341
जयभीमनगर 392
पल्लवपुरम 419
कैंट स्टेशन 390
दिल्ली रोड 392
हापुड़ चौराहा 366
बेगमपुल 380
सदर बाजार 385

प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। सड़कों पर लगातार पानी का छिड़काव कराया जा रहा है। लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है। अधिकांश लोग कूड़ा जला देते हैं और किसान पराली। इसे रोकना होगा। साथ ही खुले में डस्ट न रहने दें। रेत को कवर करके रखें। – भुवन प्रकाश यादव, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी