मुंबई. महाराष्ट्र की गद्दी संभालते ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे सरकार के निर्णयों पर रोक लगानी शुरू कर दी है। शिंदे ने उद्धव के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसके तहत औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदला गया था। दरअसल, उद्धव ठाकरे ने अपनी आखिरी कैबिनेट बैठक में औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव करने का फैसला किया था। इसके अलावा मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम भी डीबी पाटिल रखने की घोषणा की गई थी।

उधर, एकनाथ शिंदे ने कहा है कि दोनों शहरों के नाम बदलने का फैसला जल्दबाजी में किया गया था। ऐसे में सरकार इस पर नए सिरे से विचार करेगी और इस प्रस्ताव को कैबिनेट के सामने रखेगी।

संकट में घिरे उद्धव ठाकरे ने सरकार गिरने से पहले 29 जुलाई को कैबिनेट बैठक बुलाई थी। इस बैठक में उस्मानाबाद और औरंगाबाद का नाम बदलने का फैसला किया गया था। इस पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उद्धव सरकार को पत्र लिखा था, कहा गया था कि सरकार अल्पमत में है, ऐसे समय में लोकलुभावन निर्णय नहीं लिए जा सकते हैं। इसके बाद देवेंद्र फडणवीस ने भी इस फैसले पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने का था कि सरकार ने यह फैसला जल्दबाजी में किया था। बहुमत परीक्षण के फैसले के बाद उद्धव ठाकरे द्वारा यह निर्णय किया था, जोकि, गलत है।

एआईएमआईएम सांसद इम्तियाज जलील ने भी औरंगाबाद का नाम बदलने पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने इस फैसले के खिलाफ सड़क पर प्रदर्शन की भी चेतावनी दी थी। इम्तियाज जलील ने कहा था कि औरंगाबाद की पूरी दुनिया में ऐतिहासिक पहचान है।