रांची. रांची में शुक्रवार, जुमा को हुई भारी हिंसा पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ी बात कही है। भाजपा की निलंबित नेत्री नुपुर शर्मा के बारे में भी उन्‍होंने सरकार से खास मांग की। उन्‍होंने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि रांची में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर फायरिंग हुई, ऐसा नहीं होना चाहिए था। लोकतंत्र के लिए यह अनिवार्य है कि कोई हिंसा न हो और इसे रोकना सरकार का कर्तव्य है। आवैसी ने आगे कहा कि धर्म के खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणियों के लिए नुपुर शर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, कानून अपना काम करेगा। हमें नुपुर शर्मा की माफी की जरूरत नहीं है।

असुदद्दीन ओवैसी ने आगे कहा कि नूपुर शर्मा के उन टिप्पणियों के 2-3 दिन बाद मैंने कुछ कहा था, लेकिन केंद्र सरकार ने मेर बात अनसुनी कर दी। लेकिन जब दूसरे देशों ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देनी शुरू की तो सरकार तुरंत हरकत में आ गई। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रांची के मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कानून को अपना काम करने देना चाहिए। रांची की घटना दुखद है। पुलिस को लोगों पर गोली नहीं चलानी चाहिए थी।

आमया संगठन ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से गोलीकांड की घटना की हाईकोर्ट के रिटायर जज से जांच कराने की मांग की है। अध्यक्ष एस अली ने कहा कि अलबर्ट एक्का चौक की ओर बढ़ रहे युवकों को बैरिकेडिंग लगाकर रास्ता में ही रोका जा सकता था। नहीं मानने पर वाटर कैनन से पानी की बौछार, लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले, रबर बुलेट का प्रयोग करना चाहिए था, ताकि भीड़ तितर बितर हो सके। लेकिन ऐसा नहीं कर पुलिस ने सीधे फायरिंग शुरू कर दी। यह मानवाधिकार का भी उल्लंघन है। सरकार मृतक व घायलों के परिजनों को मुआवजा दे।

घटना निंदनीय है, मुस्लिम समुदाय के लोगों को शांति बनाए रखना चाहिए। प्रशासन को भी संयम बरतने की जरूरत है। रांची में जो हुआ ऐसा यूपी सरकार में भी नहीं हुआ है। झारखंड सरकार मामले की जांच करने के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन करे। दोषियों पर कार्रवाई की जाए। समाज के लोग शहर में शांति बहाल कराने में पुलिस-प्रशासन का सहयोग करें। ताकि शांति, अमन-चौन लौट सके। मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी, नाजिमे आला एदार ए शरिया, झारखंड।

रांची के डेली मार्केट के समीप हुई पूरी घटना दुखद है। इस तरह की घटना नहीं होनी चाहिए। पुलिस भी घटना रोकने में नाकाम रही। खुफिया विभाग की रिपोर्ट थी तो उस पर संज्ञान लेना चाहिए था। मेन रोड में जब भीड़ जमा हो रही थी, तभी भीड़ को जमा नहीं होने देना चाहिए था। आवाम को चाहिए कि वह शांति बनाए रखे। पुलिस निर्दोष लोगों को गिरफ्तार नहीं करे। मौलाना डा. ओबैदुल्लाह कासमी, इमाम एकरा मस्जिद।