चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने कहा कि साइट पर संरचनाएं अपना आकार ले रही हैं. निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. आने वाले कुछ महीनों में दर्जनों बिल्डिंग बनकर तैयार हो जाएंगी. इसमें एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर, पैसेंजर टर्मिनल, सीवेज, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और पावर सब-स्टेशन शामिल हैं.

उन्होंने कहा कि दुनियाभर की एयरलाइंस नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट में दिलचस्पी ले रही हैं. रनवे को बनाना बड़ा कठिन और तकनीकी कार्य है. एशिया के सबसे बड़े इस एयरपोर्ट में 300 मीटर लंबा-चौड़ा पैसेंजर टर्मिनल होगा. इसके अलावा रनवे की लैंबाई 4 हजार मीटर और चौड़ाई 45 मीटर होगी.

क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने बताया कि रनवे बनाना कई परतों की पेस्ट्री बनाने जैसा है. यहां कॉम्पैक्शन और लेयरिंग का काम शुरू कर दिया गया है. पूरे रनवे पर कई बार लेयरिंग की जाएगी. इसको करीब 1 साल तक किया जाएगा. रनवे एयरपोर्ट के सबसे अहम हिस्सों में से एक है.

चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर ने आगे बताया कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की बातचीत कई एयरलाइंस से जारी है. यहां की टर्मिनल बिल्डिंग का साइज 1 लाख स्क्वायर मीटर होगा. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की पैसेंजर क्षमता 1 करोड़ 20 लाख प्रति वर्ष होगी.

गौरतलब है कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण तीन चरणों में पूरा होगा. करीब 5,000 हेक्टेयर जमीन पर इसे बनाकर तैयार किया जाएगा. इसके निर्माण की जिम्मेदारी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी के पास है.