
प्रयागराज. उमेश पाल अपहरण कांड में एमपीएमएलए कोर्ट में पेशी के बाद माफिया अतीक अहमद बुधवार को रात आठ बजकर 25 मिनट पर साबरमती जेल पहुंचा दिया गया। उसकी मेडिकल जांच कराई गई। फिलहाल अतीक को उसी बैरक में रखा गया है, जहां से उसे लाया गया था। लेकिन अब सजायाफ्ता होने के बाद उसकी बैरक भी बदली जाएगी।
अतीक को छोड़कर पुलिस टीम रात में वापस प्रयागराज के लिए वापस चल दी। राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल के अपहरण केस में मंगलवार को एमपीएमएलए कोर्ट ने अतीक अहमद समेत तीन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। वकील खान शौलत हनीफ और पूर्व पार्षद दिनेश पासी को नैनी जेल भेज दिया गया था।
साबरमती जेल पहुंचने के बाद जब जेल में आजीवन कारावास संबंधी प्रपत्र जमा किए जा रहे थे, अतीक बाहर वज्र वाहन में बैठा था। इसी दौरान मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए अतीक ने कहा कि असद के बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है। पत्रकारों ने उससे उमेश पाल हत्याकांड में असद की भूमिका पर सवाल पूछा था।
उसने कहा कि उमेश पाल की हत्या के समय वह जेल में था। जेल में न तो मोबाइल का प्रयोग कर सकता था, न ही इंटरनेट का। इसलिए वह इस केस के बारे में कुछ नहीं जानता। उससे कहा गया कि पुलिस ने उसे उमेश हत्याकांड में नामजद किया है तो उसने कहा कि पुलिस कुछ भी कर सकती है।
पत्नी पर इनाम के बारे में उसने कहा कि शाइस्ता ने अग्रिम जमानत की अर्जी डाल रखी है। जब उससे पूछा गया कि साबरमती जेल में उसे काफी सुविधाएं मिली हैं तो उसने कहा कि उसे कोई सुविधा नहीं मिली है। आम कैदियों की तरह उसे रखा गया है।
उमेश पाल हत्याकांड में शाइस्ता परवीन की अग्रिम जमानत और उसके दोनों नाबालिग बेटों के मामले में दाखिल अर्जी पर बुधवार को सुनवाई नहीं हो सकी। अब यह सुनवाई एक अप्रैल को होगी। बुधवार को अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य से विरत रहने की वजह से दोनों ही मामलों में सुनवाई नहीं हो सकी। इस वजह से दोनों में सुनवाई के लिए तिथि आगे बढ़ा दी गई है।
शाइस्ता ने अपने दोनों नाबालिग बेटों को पुलिस द्वारा उठाए जाने के मामले में सीजेएम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। पुलिस ने बताया कि दोनों बच्चों को राजरूपपुर स्थित बाल संरक्षण गृह में रखा गया है। इस पर कोर्ट ने शाइस्ता के अधिवक्ताओं से भौतिक सत्यापन के लिए कहा है। भौतिक सत्यापन के बाद वह अपनी रिपोर्ट सीजेएम कोर्ट को देंगे। जबकि, उमेश पाल हत्याकांड में शाइस्ता नामजद आरोपी हैं। इसलिए उसने अपनी अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दाखिल की है।
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