सहारनपुर. उत्तर प्रदेश के देवबंद में व्यसन मुक्त गांव मिरगपुर में शरारती तत्वों द्वारा गुरू बाबा फकीरादास की तपोस्थली के समीप मांस फेंके जाने से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन को चेतावनी दी यदि दो दिन के भीतर शरारती तत्वों को चिंहित कर कार्रवाई नहीं की गई तो इसका वे स्वयं बदला लेंगे, क्योंकि शरारती तत्वों ने उनकी आस्था को ठेस पहुंचाई है।

घटना रविवार की रात्रि करीब 9.30 बजे की है। मंदिर परिसर से सीढ़ियों के रास्ते लौटे रहे कुछ ग्रामीणों ने बाइक सवार तीन-चार युवकों को भागते हुए देखा। जब वह सीढ़ियों से नीचे उतरे तो समीप ही मांस पड़ा मिला। घटना आग की तरफ पूरे गांव में फैल गई।

लोगों की भारी भीड़ वहां एकत्र हो गई। सूचना मिलते ही एसडीएम दीपक कुमार व सीओ रामकरन पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और आक्रोशित लोगों को दो दिन के भीतर कार्रवाई करने का आश्वासन दिलाकर उनसे गुस्से को शांत किया।

सीओ रामकरन का कहना है कि मंदिर के समीप सड़क पर मांस किसके द्वारा फेंका गया, पुलिस गंभीरता के साथ मामले की जांच कर रही है। शरारती तत्व कोई भी हो उसे किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। ग्रामीणों ने कोई तहरीर नहीं दी है।

अंतर्राष्ट्रीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी विरेंद्र सिंह गुर्जर ने कहा कि वर्ग विशेष के लोगों द्वारा ऐसा घिनौना कृत्य कर उनकी आस्था को ठेस पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस प्रशासन ने दो दिन के भीतर मामले का खुलासा कर आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल नहीं भेजा तो ग्रामीण स्वयं इस घटना का बदला लेंगे। वहीं, सोमवार की सुबह गांव में एनाउंसमेंट करा दिया गया कि वर्ग विशेष के व्यक्ति को गांव में नहीं घुसने दिया जाएगा।

बता दें कि मिरगपुर उत्तर प्रदेश का ऐसा गांव है जिसमें मांस, मदिरा, तंबाकू समेत करीब 17 तामसिक वस्तुओं के सेवन पर प्रतिबंध है। बाबा फकीरादास द्वारा दिलाई गई उक्त प्रतिज्ञा का पूरा गांव सैंकड़ों वर्षों से पालन करता आ रहा है। मिरगपुर गांव में नशामुक्त होने का प्रमाण पत्र में हासिल है।