लॉस वेगास. डीरे एंड कंपनी के साथ यूं तो भारत में कम ही लोग संबंध स्थापित कर सकेंगे. लेकिन अगर उन्हें ये बताया जाए कि खेत जोतने के लिए ट्रैक्टर के पीछे लगा लोहे का भारी-भरकम हल इसी कंपनी ने बनाया था, सन 1837 में, तो वे निश्चित ही इस कंपनी की तारीफ करेंगे. क्योंकि इस कंपनी ने उनके लिए इतने काम की चीज बनाई. इसके बाद यकीनन वे यह भी जानना चाहेंगे कि कंपनी ने उनके काम का और क्या बनाया है? तो इसका जवाब है- अपने आप चलने वाला ट्रैक्टर. कृषि से जुड़े अपने इस नवाचार को कंपनी ने इसी मंगलवार को सार्वजनिक किया है.
इस नए ऑटोनोमस ट्रैक्टर का नाम अभी 8आर रखा गया है. इसमें छह कैमरे लगे हैं. इनके जरिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल कर यह ट्रैक्टर खुद ही चौतरफा वातावरण का अनुमान लगाकर आगे का रास्ता तय कर लेता है. खेत में इसे जिस रास्ते पर डाल दिया, उस पर यह खुद अपनी राह बना लेता है. आसपास की स्थितियों से तालमेल भी बिठा लेता है. इसे बार-बार निर्देश देने की जरूरत भी नहीं पड़ती. अपने आप ही निर्धारित क्षेत्र में खेत जोतने और बीजों की बुवाई का काम भी कर लेता है. इस दौरान अगर रास्ते में कोई बाधा आ जाए, तो उसे भी खुद ही हटाकर आगे बढ़ जाता है.
इस बीच, अगर किसान को जरूरत लगे तो वह ऑटोनोमस ट्रैक्टर को नए निर्देश भी दे सकता है. यानी उसे नए क्षेत्र में भेजना. काम बदलना. या फिर काम रोककर मशीन को खेत से वापस बुला लेना. दिलचस्प बात है कि ये सभी निर्देश स्मार्ट फोन के जरिए कहीं से भी दिए जा सकते हैं. वैसे, यहीं एक बात और जानने लायक है. ये कि इस वक्त कुछ और ट्रैक्टर भी हैं, जो अपने आप चल सकते हैं. लेकिन उनकी अपनी सीमाएं हैं. जैसे कि एक तो वे अपना रास्ता खुद नहीं चुन सकते. इसके लिए उन्हें जीपीएस की जरूरत होती है. दूसरा- वे अपने रास्ते की बाधाएं भी नहीं हटा सकते. इसलिए किसान को इस किस्म के ट्रैक्टर के साथ हमेशा उसके पीछे-पीछे मौजूद रहना होता है.
मगर डीरे एंड कंपनी के ऑटोनोमस ट्रैक्टर में ये सब दिक्कतें नहीं हैं. इसीलिए इसे कृषि के क्षेत्र में बड़ा क्रांतिकारी नवाचार माना जा रहा है. जैसा कि कंपनी के मुख्य तकनीकी अधिकारी जैमी हिंडमैन कहते भी हैं, ‘यह पूरी दशा और दिशा बदल देने वाला बदलाव है. उतना ही बड़ा, जैसा उस वक्त हुआ था जब हम घोड़े (भारत के संदर्भ में बैल या भैंसे) की जगह खेतों में ट्रैक्टर का इस्तेमाल शुरू किया था.
अमेरिका के लॉस वेगास में कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक शो-2022 में डीरे एंड कंपनी ने यह ऑटोनोमस ट्रैक्टर प्रदर्शित किया है. कंपनी ने इसकी कीमत का खुलासा नहीं किया है. फिर भी अनुमान लगाया जा रहा है कि जो मॉडल शो में प्रदर्शित किया गया, उसकी कीमत करीब 8 लाख डॉलर तक हो सकती है. हालांकि हिंडमैन इस बारे में कहते हैं कि कंपनी कई तरीके बिजनेस मॉडलपर काम कर रही है. इसमें एक सब्सक्रिप्शन का विकल्प भी है. यानि इसे खरीदने के बजाय जरूरत पड़ने पर किराए पर लेना और मासिक या सालाना आधार पर किराया चुकाना.
निश्चित तौर पर इस नवाचार के तमाम फायदे होने वाले हैं. जैसे- एक तो यही कि इससे कृषि क्षेत्र में हमेशा बनी रहने वाली श्रमिकों की अनुपलब्धता की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा. इसके अलावा पहले जो लाभ गिनाए जा चुके हैं वे भी. लेकिन इसके साथ ही इसके नुकसान भी हैं. विशेष रूप से दो तरह के. पहला- कृषि क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल जितना बढ़ेगा, जो कि लगातार बढ़ भी रहा है, कामगारों के हाथ से काम छूटता जाएगा. दूसरा- कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए कुछ निजी जानकारियों-आंकड़ों आदि की जरूरत पड़ती है. यह डाटा उस कंपनी के पास सुरक्षित होता है, जिसने संबंधित मशीन बनाई है.
खेत में जुताई-बुवाई के लिए अब किसी के भरोसे नहीं रहना होगा, आ गया है ऑटोनोमस ट्रैक्टर, जो सारे काम खुद कर लेगा लिहाजा, उपयोग के साथ-साथ डाटा के दुरुपयोग की आशंका भी बनी रहने वाली है. ठीक, फेसबुक , वॉट्सएप आदि के मामलों की तरह.