लखनऊ. प‍िछले द‍िनों उत्‍तर प्रदेश में राशन कार्ड धारकों के कार्ड सरेंडर करने की खबर सोशल मीड‍िया खूब वायरल हुई. इस खबर में दावा क‍िया जा रहा था क‍ि अपात्र राशन कार्ड धारकों को तहसील पर जाकर राशन कार्ड सरेंडर करना है. वरना सरकार की तरफ से उनसे राशन की वसूली की जाएगी. हालांक‍ि बाद में सरकार की तरफ से इस पर स्‍पष्‍टीकरण देते हुए बताया गया क‍ि यूपी की योगी सरकार ने ऐसा कोई भी न‍ियम नहीं बनाया है.

लेक‍िन अब यूपी सरकार की तरफ से प्रदेश में राशन कार्डों का निरस्तीकरण कार्यक्रम शुरू कर द‍िया गया है. यूपी सरकार की तरफ से जारी आदेश के अनुसार अपात्र लोगों का राशन कार्ड की ल‍िस्‍ट से नाम काटा जाएगा और अब केवल जरूरतमंदों को ही फ्री राशन का फायदा मिल सकेगा. इसकी शुरुआत यूपी के अलग-अलग ज‍िलों से हो चुकी है. दरअसल, साल 2011 की जनगणना के अनुसार सरकार का राशन कार्ड बनाने का लक्ष्य पूरा हो चुका है. ऐसे में नए राशन कार्ड नहीं बनाए जा सकते.

अब नए लोग यद‍ि राशन कार्ड के ल‍िए आवेदन कर रहे हैं तो जांच में अपात्र पाए गए लोगों का राशन कार्ड निरस्त किए जा रहे हैं. निरस्त किए गए अपात्र लोगों के कार्ड के स्‍थापन पर ही नए जरूरतमंद पात्रों को राशन योजना का फायदा द‍िया जा रहा है. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा में वर्ष 2011 की जनसंख्या अनुपात के आधार पर ही नाम जोड़े जा रहे हैं. आपको बता दें शहर की आबादी 2011 की तुलना में 2022 में दोगुनी हो चुकी है.

कोरोना के मामले बढ़ने पर 2021 की जनगणना नहीं हो पाई थी. इस स्‍थ‍ित‍ि में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के ल‍िए जनसंख्या अनुपात को बढ़ाना जरूरी हो गया है. इसी के आधार पर शहरी गरीबों को योजना का लाभ मिल सकेगा. ऐसे में प्रदेश के जिला पूर्ति कार्यालय और तहसील स्‍तर के पूर्ति कार्यालय में आने वाले नए राशन कार्ड के आवेदनों को जमा कर ल‍िया जाता है. उसके बाद जांच के आधार पर अपात्रों के राशन कार्ड न‍िरस्‍त कर उनकी जगह पात्रों के राशन कार्ड बनाते हैं.

इसके ल‍िए अपात्रों को महीनों इंतजार करना पड़ता है. विभागीय सूत्रों का कहना है क‍ि 2011 के लक्ष्य को अब जनसंख्या वृद्धि के आधार पर बढ़ाने की तैयारी चल रही है. इसल‍िए अभी नए राशन कार्ड बनाने का काम रुका हुआ है.