नई दिल्ली: बैंक ग्राहकों के लिए जरूरी खबर है. सरकार ने चालू वित्त वर्ष में पब्लिक सेक्टर बैंकों में कैपिटल इंफ्यूजन के लिए 15 हजार करोड़ का ऐलान किया है. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब एंड सिंध बैंक जैसे कमजोर बैंकों में कैपिटल इंफ्यूजन किया जाएगा. सरकार कैपिटल इंफ्यूजन देकर इन बैंकों को रेग्युलेटरी के हिसाब से तैयार करने की कोशिश कर रही है. सरकार ये रकम यह उन बैंकों को देगी जिन्होंने नॉन-इंट्रेस्ट बॉन्ड के जरिए फंड इकट्ठा किया है.

आरबीआई ने उठाया सवाल

14500 करोड़ का कैपिटल इंफ्यूजन

आपको बता दें कि यह कैपिटल इंफ्यूजन नॉन-इंट्रेस्ट बॉन्ड की मदद से किया जाएगा. इसकी शुरुआत वित्त वर्ष 2020-221 की तीसरी तिमाही में पंजाब एंड सिंध बैंक से की गई. उसके बाद चार अन्य सरकारी बैंकों- बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और यूको बैंक, में 14500 करोड़ का कैपिटल इंफ्यूजन किया गया.

सरकार ने किस बैंक में कितनी पूंजी डाली

सरकार की तरफ से यह कैपिटल मुख्य रूप से उन बैंकों को दी गई है, जो रिजर्व बैंक के तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई रूपरेखा यानी के अंतर्गत आ रहे हैं. इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और यूको बैंक को 11500 करोड़ रुपये जारी किए गए, वहीं बाकी 3000 करोड़ रुपये बैंक ऑफ इंडिया को मिले हैं. सरकार की तरफ से जारी किए गए अधिसूचना के अनुसार सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को 4800 करोड़ रुपये, इंडियन ओवरसीज बैंक को 4,100 करोड़ रुपये और कोलकाता के यूको बैंक को 2600 करोड़ रुपये की पूंजी उपलब्ध कराई गई है.

कब तक है बॉन्ड की मियाद

सरकार की तरफ से पूंजी डाले जाने से इन बैंकों को रिजर्व बैंक के तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई रूपरेखा से बाहर आने में मदद मिलेगी. पूंजी बिना ब्याज वाले बांड के जरिए डाली गई है, जिसकी मियाद 31 मार्च, 2031 और 31 मार्च, 2036 है. यानी बैंकों को इससे वित्तीय सुधार में सहायता मिलेगी.