कीव. पूर्वी यूरोप में रूस और यूक्रेन के बीच टकराव काफी बढ़ गया है. दोनों देशों ने एक दूसरे पर हमले का आरोप लगाया है. यूक्रेन का कहना है कि गुरुवार को रूसी समर्थित अलगाववादियों ने उसके डोनबास क्षेत्र के एक गांव में स्कूल पर गोले दागे. इस हमले में 3 लोगों के घायल होने की खबर है. वहीं, रूसी मीडिया ने अलगाववादियों के नेता लियोनिद पासेचनिक के हवाले से यूक्रेनी आर्म्ड फोर्सेस पर लुहान्स्क क्षेत्र में आम नागरिकों पर हमले का आरोप लगाया. इस बीच संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के एंबेसडर सर्जी किस्लस्तिया ने रूस को कड़ी चेतावनी दी है.

सर्जी किस्लस्तिया ने संयुक्त राष्ट्र में कहा, ‘यूक्रेन पर हमले की तैयारी कर रहे रूस के पास दो विकल्प हैं. या तो वह यूक्रेन की सीमाओं से अपने सैनिकों को पीछे हटाकर कूटनीतिक संवाद करे. या फिर अंतरराष्ट्रीय समुदायों की ओर से निर्णायक समेकित प्रतिक्रिया के लिए तैयार रहे.’

यूक्रेन पर UNSC की मीटिंग में सर्जी किस्लस्तिया ने कहा, ‘यूक्रेन न केवल अपने लिए बल्कि पूरे यूरोप के लिए भी शांति, सुरक्षा और स्थिरता चाहता है. साथ ही, मैं दोहराता हूं कि रूस के आगे बढ़ने की स्थिति में यूक्रेन अपना बचाव करेगा.’

रूस कर रहा खोखला दावा

रूस का कहना है कि वह यूक्रेन की सीमाओं से सैनिकों को पीछे हटा रहा है, लेकिन जमीनी स्तर पर ऐसा होता नहीं दिख रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का कहना है कि इस बात के कई संकेत हैं कि रूस अगले कुछ दिनों में यूक्रेन पर हमला कर सकता है. अमेरिका ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि ऐसी जानकारी है कि यूक्रेन की सीमाओं के पास जमा 1,50,000 से अधिक रूसी सैनिक ‘आने वाले दिनों में’ यूक्रेन पर हमला करने की तैयारी कर रहे हैं. अमेरिका ने साथ ही यह भी कहा कि रूस की योजना हमले के लिए ‘एक बहाना गढ़ने की’ है.

भारत का क्या रुख

भारत ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि इस समय ‘शांतिपूर्ण और रचनात्मक कूटनीति’ की जरूरत है और वह इस मामले में सभी संबंधित पक्षों के संपर्क में है. साथ ही भारत ने रेखांकित किया कि यूक्रेन में 20,000 से अधिक भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है.

रूस की अध्यक्षता में यूक्रेन की स्थिति पर हुई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की महत्वपूर्ण बैठक में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि नई दिल्ली की रुचि एक ऐसा समाधान खोजने में है, जिसके जरिए तनाव में तत्काल कमी लाई जा सके. तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत ‘सभी संबंधित पक्षों के संपर्क में है. हमारा विचार है कि इस मुद्दे को केवल कूटनीतिक बातचीत से ही सुलझाया जा सकता है.’