लखनऊ. उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने कमर कस ली है. एक ओर भारतीय जनता पार्टी है, जिसे अपनी साख बचा कर रखने के लिए मेहतन करनी होगी. वहीं, समाजवादी पार्टी , बहुजन समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के सामने भाजपा का किला ढहाने की चुनौती है. लेकिन यह इतना आसान नहीं होने वाला है. विधानसभा का सेमीफाइनल कहे जाने वाले इस चुनाव को लेकर भाजपा गांव स्तर पर प्रचार अभियान चलाएगी और जीत के लिए जी-तोड़ मेहनत करेगी.
भाजपा पंचायत चुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिए गांव-गांव में ग्राम चौपालों का आयोजन करेगी. ग्राम पंचायत स्तर पर बैठक करेगी और वोटर्स के रुख को भांपने की कोशिश करेगी. इसके अलावा भाजपा कार्यकर्ता, केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की योगी सरकार की योजानओं के बारे में जनता को बताएंगे. साथ में आत्मनिर्भर यूपी के बजट को लेकर भी प्रचार करेंगे.
लोकसभा और विधानसभा चुनावों की तरह भाजपा एक बार फिर बूथों पर अपना फोकस करेगी. पार्टी बूथ को अभेद्य किला बनाने के लिए इकाइयों को मजबूत करेगी. इसको लेकर राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने पदाधिकारियों की बैठक की और बूथ मजबूत करने पर जोर दिया.
माना जा रहा है कि बूथ स्तर पर संपर्क से भाजपा 2022 के लिए खुद को मजबूत कर रही है. दरअसल, पंचायत चुनाव से ही संपर्क अभियान शुरू हो जाएंगे. इसके बाद पार्टी को यह जानने में आसानी रहेगी कि 2022 विधानसभा चुनावों में कौन-से मुद्दे जोर पकड़ने वाले हैं?