लखीमपुर में हुई हिंसा के मामले में एसआईटी ने बड़ा खुलासा किया है. एसआईटी (SIT) की रिपोर्ट के मुताबिक, लखीमपुर हिंसा सुनियोजित साजिश के तहत की गई थी, ये कोई दुर्घटना नहीं थी. ये हत्या की सोची-समझी साजिश से जुड़ा मामला है. बता दें कि अब लखीमपुर हिंसा केस में दुर्घटना की धारा हटाकर अन्य धाराएं लगाई गई हैं. आईपीसी की धाराएं 120बी, 307, 34 और 326 बढ़ाई गई हैं. 3 अक्टूबर को लखीमपुर के तिकुनिया में हिंसा में 8 लोगों की मौत हुई थी.

जान लें कि लखीमपुर हिंसा में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र आरोपी हैं, वो इस वक्त जेल में बंद हैं. पुलिस ने पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. वहीं दूसरी तरफ अजय मिश्र टेनी ने दावा किया था कि उनका बेटा आशीष मिश्र वारदात के वक्त मौके पर मौजूद नहीं था. घटनास्थल से दूर था.

गौरतलब है कि लखीमपुर हिंसा मामले में एसआईटी और यूपी सरकार के आयोग दोनों की जांच चल रही है. अभी दोनों की फाइनल रिपोर्ट आना बाकी है. एसआईटी की तरफ से सीजेएम कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र दिया गया है, जिसमें धाराएं बदलने के लिए कहा गया है क्योंकि ये वारदात जान से मारने की नीयत से की गई थी. ये घटना सुनियोजित तरीके से की गई. फिलहाल पूरी रिपोर्ट जब कोर्ट में सबमिट होगी तब तस्वीर साफ होगी.

लखीमपुर हिंसा को लेकर काफी सियासत भी हुई थी. विपक्ष अभी तक गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी का इस्तीफा मांग रहा है. लखीमपुर हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था. इस मामले में यूपी सरकार को हलफनामा भी दाखिल करना पड़ा था.

जान लें कि लखीमपुर हिंसा के दो पहलू हैं. एक मामला किसान प्रदर्शनकारियों के बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमले का है और दूसरा केस जीप से किसान आंदोलनकरियों के कुचले जाने का है. दोनों मामलों की जांच चल रही है. लखीमपुर हिंसा में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के ड्राइवर की हत्या भी कर दी गई थी.