नई दिल्ली. बढ़ती महंगाई और बाजार की अस्थिरता को संतुलित बनाए रखने के लिए सरकार अपनी तरफ कई प्रयास कर रही है. ऐसे में गेहूं-चावल के आयात पर रोक भी ऐसा ही एक कदम है. सरकार के टूटे चावल के एक्सपोर्ट पर बैन लगाने और गैर-बासमती पर 20 पर्सेंट एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाने का असर अब घरेलू बाजार पर दिखने लगा है. बाजार में चावल सस्ता होने लगा है. पिछले एक हफ्ते में थोक में चावल की कीमतों में 100 से 200 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट देखने को मिली है.
चावल की कीमतों में गिरावट के बारे में विस्तार से बताते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के असीम मनचंदा ने कहा कि पिछले एक हफ्ते में चावल के दाम में गिरावट देखने को मिली है. थोक में चावल के भाव 100 रुपये से 200 रुपये प्रति क्विंटल तक गिरे हैं, हालांकि रिटेल के कीमतों में गिरावट आने में थोड़ा वक्त लगेगा.
असीम ने गिरावट की वजह बताते हुए कहा कि 9 सितंबर से सरकार ने टुकड़ा चावल के एक्सपोर्ट को बैन कर दिया है. इसके साथ ही सरकार ने गैर-बासमती चावल पर 20% एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई है, जिसकी वजह से चावल की थोक कीमतें नीचे आती हुई दिखी हैं. सरकार द्वारा ड्यूटी लगाने की वजह से चालू वित्त वर्ष में 40-50 लाख टन चावल का एक्सपोर्ट गिरने की आशंका है.
बता दें कि साल 2021-22 में 2.12 करोड़ टन चावल का एक्सपोर्ट हुआ था. वहीं, चावल के ग्लोबल ट्रेडिंग में भारत की 40% हिस्सेदारी रहती है. पिछले 4 साल में टुकड़ा चावल का एक्सपोर्ट 3 गुना बढ़ा था. आंकड़ों के मुताबिक 2021-22 में 38.9 लाख टन टूटे चावल का निर्यात किया गया था, जबकि 2018-19 में सिर्फ 12.2 लाख टन चावल का निर्यात हुआ था. वहीं, अबकी बार 9 सितंबर तक धान की बुआई में 5.34% की कमी भी देखने को मिली है.
आंकड़ों के लिहाज से देखें तो भारत का चावल निर्यात 2019-20 में 95.1 लाख टन रहा था. जबकि 2020-21 में चावल निर्यात 1.77 करोड़ टन रहा था. साल 2021-22 में भारत का चावल निर्यात 2.12 करोड़ टन रहा था जबकि 2022-23 में भारत द्वारा 1.6 करोड़ टन चावल निर्यात किये जाने का अनुमान था.