मेरठ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले कार्यकाल में चौधरी चरण सिंह कांवड़ पटरी मार्ग (गंग नहर की दायीं पटरी) के निर्माण की घोषणा की थी। इसे धरातल पर उतारने की प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन गंगनहर के किनारे मेरठ के साथ गाजियाबाद व मुजफ्फरनगर जनपद में वन विभाग की 222.98 हेक्टेयर जमीन को लेकर पटरी निर्माण का मामला उलझ गया। अब झांसी में जमीन तलाश की गई है। वन विभाग को झांसी में जमीन के बदले जमीन दी जाएगी। इसके लिए कमिश्नर ने अपर मुख्य सचिव को पत्र भेजा है।
गाजियाबाद से मुजफ्फरनगर तक गंगनहर की दायीं पटरी पर 110 किमी लंबे चौधरी चरण सिंह कांवड़ पटरी मार्ग का निर्माण किया जाना है। इसके लिए वर्ष 2020 में शासन ने 628.74 करोड़ रुपये बजट स्वीकृत कर 249 करोड़ का बजट पास भी कर दिया था। प्रक्रिया आगे बढ़ी, लेकिन वन विभाग की जमीन को लेकर बाधा खड़ी हो गई। वन विभाग को बदले में जमीन देने के मुद्दे पर कई बार बैठकों में चर्चा चली। प्रदेश के सभी जनपदों में जमीन तलाश शुरू हुई। अब झांसी में 278.95 हेक्टेयर जमीन खोजी गई है। इसी में से 222 हेक्टेयर जमीन झांसी की तरफ से वन विभाग को दी जाएगी। इस संबंध में कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर मुख्य सचिव को पूरी रिपोर्ट के साथ पत्र भेजकर जमीन हस्तांतरण प्रक्रिया पूर्ण करने का भी आग्रह किया है।
मुजफ्फरनगर में सबसे अधिक जमीन
पटरी निर्माण के लिए वन विभान की सबसे अधिक 113.68 हेक्टेयर जमीन मुजफ्फरनगर में है। मेरठ में 84.60 हेक्टेयर व गाजियाबाद में कुल 24.70 हेक्टेयर जमीन है। पटरी निर्माण के लिए सबसे अधिक 66,685 पेड़ों का कटान मेरठ में किया जाएगा। मुजफ्फरनगर में 16,873 पेड़ व गाजियाबाद में 4164 पेड़ काटे जाएंगे। अन्य स्थानों पर विभाग के 25 हजार पेड़ काटे जाएंगे।
एक नजर में गंगनहर पटरी
110 किमी – पटरी मार्ग की कुल लंबाई
628.74 करोड़ : निर्माण के लिए बजट स्वीकृत
249 करोड़ : बजट शासन द्वारा किया गया जारी
222.98 हेक्टेयर : जमीन का होगा हस्तांतरण
1,12,722 : पेड़ पटरी निर्माण के लिए काटे जाने हैं
चौ. चरण सिंह कांवड़ पटरी मार्ग का निर्माण वन विभाग की जमीन के कारण आगे नहीं बढ़ सका था। अब झांसी में गैर वानिकी जमीन मिल गई है। हस्तांतरण प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए अपर मुख्य सचिव को रिपोर्ट भेजी गई है।