मेरठ। जिले में स्वच्छ भारत मिशन के फेज-दो के तहत बड़ी पहल की गई है। यहां पहले चरण में 40 करोड़ के बजट से 87 गांवों को पूर्ण रूप से स्वच्छ बनाया जाएगा। इसके तहत हर गांव में कूड़ा निस्तारण प्लांट तैयार होगा। दो गांवों में अभियान के तहत कार्य शुरू कर दिया गया है। जबकि 10 गांवों ने अपना प्लान तैयार कर शासन को सौंप दिया है। जल्द ही अनुदान का बजट जारी कर दिया जाएगा। खुले में शौच मुक्ति के बाद गांवों को पूर्ण रूप से स्वच्छ करने के लिए स्वच्छ भारत मिशन का दूसरा चरण शुरू किया गया है।

अभियान में जनपद की ऐसी 87 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है, जिनकी आबादी पांच हजार से अधिक है। इन गांवों को अनुदान के रूप में करीब 40 करोड़ का बजट मिलेगा। अभियान को एक कदम आगे बढ़ाते हुए मोहिउद्दीनपुर और इंचौली में कार्य शुरू कर दिया गया है। यहां कूड़े के निस्तारण के लिए हर घर से ठोस और तरल कचरे का उठान हर दिन होना शुरू हो गया है। जबकि 10 गांवों के प्रधान अपने गांव में कूड़ा निस्तारण करने के लिए प्लान तैयार कर शासन के समक्ष प्रस्तुत कर चुके हैं। प्रति व्यक्ति के हिसाब से मिल रहा अनुदान सरकार ने पांच हजार से अधिक आबादी वाले गांवों की सूरत बदलने के लिए अनुदान प्रति व्यक्ति के हिसाब से तय किया है।

गांव में रहने वाले प्रति व्यक्ति के हिसाब से 705 रुपये अनुदान के रूप में मिलेंगे। इसके बाद कूड़े से होने वाली आमदनी को गांव के विकास पर खर्च किया जाएगा। 10 तरह के कार्य कराए जाएंगे गांवों की गंदगी दूर करने के लिए सामुदायिक शौचालय, सामुदायिक सोख्ता गड्ढ़ा, सामुदायिक कंपोस्ट पिट, विन कंपोस्टिंग, नाडेप कंपोस्टिंग, हीप कंपोस्टिंग, वर्मी कंपोस्टिंग, गोबर धन, प्लास्टिक मैनेजमेंट आदि कार्य कराएं जाएंगे। — स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण में जिले के 87 गांवों का चयन किया गया है। दो गांवों में कार्य शुरू हो चुका है, जबकि 10 गांवों के प्रधान अपना प्लान प्रस्तुत कर चुके हैं। कूड़ा निस्तारण होने से गांवों की सूरत बदल जाएगी। रेनू श्रीवास्तव, डीपीआरओ