कुरुक्षेत्र. किसान ड्रैगन की खेती को अपनाने लगे हैं। इसमें उनका रुझान भी बन रहा है। कुछ किसान धान और गेहूं की जगह इसी खेती को अपना रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण बागवानी विभाग की योजनाएं भी हैं।

कुरुक्षेत्र में करीब 1.10 लाख हेक्टेयर में धान व गेहूं की खेती होती है। यहां दूसरे नंबर पर गन्ने की खेती बड़े किसान करते हैं। फूलों और सब्जी की खेती में भी किसानों का रुझान काफी है। अब किसान ड्रैगन खेती को भी अपनाने लगे हैं। जिले में काफी मात्रा में ड्रैगन की खेती की जाती है।

बागवानी विभाग के उपनिदेशक डा. बिल्लू यादव ने बताया कि सरकार ने ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ाने के लिए विशेष अनुदान योजना लागू की है। ड्रैगन फ्रूट की बाजार में काफी मांग है। जिससे किसान इस फल की खेती कर अच्छा मुनाफा ले सकते हैं। ड्रैगन फ्रूट के बाग के लिए 1.20 लाख रुपये प्रति एकड़ के अनुदान का प्रविधान है। जिसमें पौधारोपण के लिए 50 हजार रुपये व ट्रैलिसिंग सिस्टम (जाल प्रणाली) के लिए 70 हजार रुपये प्रति एकड़ अनुदान दिया जाता है।

बागवानी विभाग पौधारोपण के लिए 50 हजार रुपये का अनुदान तीन किस्तों में देता है। प्रथम वर्ष 30 हजार रुपये, दूसरे वर्ष 10 हजार व तीसरे वर्ष 10 हजार रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि किसान अधिक से अधिक विभिन्न फलों के बाग लगाकर अच्छा मुनाफा ले सकते हैं। बागों की स्थापना से जहां पानी की बचत है, वहीं फलों के बाग किसानों की आय में इजाफा करने में सहायक है।

इस योजना के तहत एक किसान अधिकतम दस एकड़ तक अनुदान की सुविधा का लाभ ले सकता है। अनुदान प्राप्त करने के लिए किसान को मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य है। अनुदान पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर दिया जाएगा। किसान बागवानी विभाग की वेबसाइट hortnet.gov.in पर जाकर आवेदन कर योजना का लाभ ले सकते हैं।