लखनऊ। उत्तर प्रदेश में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए जारी आरक्षण सूची पर आपत्तियां दर्ज की जा रही है। 8 मार्च तक आपत्तियां ली जाएगी. उसके बाद 12 मार्च को उनका निस्तारण करते हुए 15 मार्च तक सभी ग्राम पंचायतों की फाइनल आरक्षण की लिस्ट प्रकाशित कर दी जाएगी। आरक्षण की फाइनल लिस्ट मिलने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग 25-26 मार्च को पंचायत चुनावों की तारीखों का ऐलान कर सकता है। उसी के बाद पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाएगी। जानकारी के मुताबिक होली यानी 29 मार्च के बाद नामांकन दाखिले का सिलसिला शुरू हो जाएगा। इस बार चार चरणों में पंचायत चुनाव होने की संभावना है।

 

आपको बता दें कि गांव की सरकार बनाने के लिए होने वाले पंचायत चुनाव में हिंसा और उपद्रव का पुराना इतिहास रहा है। लिहाजा राज्य निर्वाचन आयोग इस बार शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए हर संभव कोशिशें कर रहा है। इसी क्रम में इस हफ्ते राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार अपने अन्य अधिकारियों के साथ अपर मुख्य सचिव गृह और डीजीपी के साथ बैठक करने वाले हैं। बैठक में वोटरों को लुभाने के लिए अवैध शराब की सप्लाई, माहौल बिगाड़ने के लिए हथियारों की तस्करी आदि समेत मुद्दों पर चर्चा होगी। इतना ही नहीं संवेदनशील जिलों में पुलिस फोर्स की तैनाती पर भी चर्चा होनी।

 

अपर निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा के मुताबिक अपर मुख्य सचिव गृह और डीजीपी के साथ अगले हफ्ते होने वाली इस बैठक में चुनाव से पहले मंडल और जिलेवार संवेदनशीलता आंकी जाएगी। इसके बाद सुरक्षाबलों की उपलब्धता, उनके आवागमन और तैनाती स्थल पर पहुंचने में लगने वाले समय को ध्यान में रख कर यह भी निर्णय लिया जाएगा कि चार चरणों के इस चुनाव में किस चरण में किस मंडल के कौन-कौन से जिले शामिल किये जाएं।

 

गौरतलब है कि इस बार निर्वाचन आयोग ने एक जिला एक चरण की तर्ज पर चुनाव कराने की तैयारी की है। इसके तहत सभी मंडलों के अंतर्गत आने वाले जिलों में सभी पदों के लिए एक ही चरण में मतदान होंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनावों को लेकर इस संबंध में सभी जिलों के डीएम और मंडलायुक्त को निर्देश भी जारी कर दिया है।