नई दिल्ली. आजकल देश में कई ऐसे ऐप विकसित हो गए हैं जो ग्राहकों को मिनटों में लोन देते हैं. ये ऐप एक झटके में लोन देते तो हैं लेकिन वसूली करते समय अपनी मनमानी करते हैं. इससे ग्राहकों को परेशानी होती है. कई बार उन्हें जरूरत से ज्यादा चुकाना पड़ता है. ऐसे में ग्राहकों की तरफ से कई बार शिकायतें आती है. इस तरह की समस्याओं को सुलझाने के लिए आरबीआई ने जबरदस्त तैयारी की है.
आरबीआई के गवर्नर ने दी जानकारी
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद इसकी जानकारी देते हुए बताया कि डिजिटल लेंडिंग से जुड़ी गाइडलाइंस आने वाले दो महीने के भीतर जारी हो जाएंगी. इससे फटाफट लेने देकर मनमाना वसूली करने वाली कंपनियों पर अंकुश लगेगा. शक्तिकांत दास ने बताया कि डिजिटल लेंडिंग पर मिली सिफारिशों के परीक्षण का काम पूरा हो चुका है. और जल्दी ही इस पर आंतरिक चर्चा कर गाइडलाइंस को जारी कर दिया जाएगा.
बीएनपीएल पर भी लागू होंगी आरबीआई की गाइडलाइंस
आरबीआई की नई पॉलिसी बीएनपीएल पर भी लागू होंगी. दरअसल, आरबीआई के अनुसार, सिर्फ सत्यापित फिनटेक कंपनियों को ही लोन देने की इजाजत होनी चाहिए. इससे ग्राहकों पर मनमानी नहीं होगी. इसलिए आरबीआई इस नई पॉलिसी के अंतर्गत बाय-नाउ-एंड-पे-लेटर सहित सभी फिनेटक कंपनियों को लाना चाहता है.
आरबीआई की इस नई पॉलिसी आने के बाद ये छोटे-छोटे ऐप जो लोन देने का दावा करते हैं और लोन देने के बाद मनचाहा वसूली करते हैं, उन पर लगाम लगेगी. इतना ही नहीं, यह गाइडलाइंस भारतपे और यूएनआई, कैपिटल फ्लोट, स्लाइस, जेस्टमनी, पेटीएम जैसे बीएनपीएल के दिग्गजों पर भी लागू होंगी.