बरेली। बरेली के इज्जतनगर थाना क्षेत्र में धर्म परिवर्तन के मामले की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। पुलिस के मुताबिक आरोपी पादरी व उसके साथी गरीब परिवारों के बच्चों को एकत्र कर उनको ईसाई धर्म का इतिहास पढ़ाते थे। इसके बाद उनका टेस्ट लिया जाता था। इसमें प्राप्त अंकों के आधार पर आरोपी उनका धर्मांतरण कराते थे।
कई मामलों में बच्चों को खाने-पीने की चीजों, गरीब परिवारों को इलाज और शिक्षा का लालच दिया जाता था। उनके पास से काफी मात्रा में ईसाई धर्म से संबंधित साहित्य व बच्चों के टेस्ट से संबंधित कॉपियां बरामद हुई हैं। फिलहाल, पुलिस ने तीनों आरोपियों का चालान कर दिया है।
पुलिस ने धर्म परिवर्तन कराने के मुख्य आरोपी पादरी प्रेम जोनल, विनोद उपाध्याय और नितिन से रविवार रात पूछताछ की। तब पता लगा कि आरोपी मुंशीनगर व परवानानगर जैसी बस्तियों में गरीब हिंदू परिवारों के आसपास किराये पर रहते थे। आरोपी खुद को शिक्षक और धार्मिक उपदेशक बताकर गरीब बच्चों को निशुल्क पढ़ाने के बहाने परिवारों से मेलजोल बढ़ाते थे। तीनों आरोपी बच्चों को धार्मिक ग्रंथ पढ़ाते थे। पुलिस ने मौके से बच्चों की हस्तलिखित कॉपियां भी बरामद करके सील की हैं। इनमें टेस्ट कॉपी की तरह सवाल और जवाब के कॉलम बने हैं।
बच्चों से टेस्ट में ईसाई धर्म के इतिहास से संबंधित प्रश्न पूछे जाते थे। इसमें मिले अंकों के आधार पर बच्चों को खाने-पीने की चीजें दी जाती थीं। बच्चों को नए खेल भी सिखाए जाते थे। इस वजह से बच्चे इनके पास जाते थे। बच्चों से पढ़ाई से पहले धर्म विशेष से जुड़ी प्रार्थना भी कराई जाती थी।
हिंदू जागरण मंच के जिला मंत्री गुलशन बहादुर व आरएसएस से जुड़े कार्यकर्ता रविवार को हो रही कथित प्रार्थना सभा में बैठे तो उनका भी धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश की गई। तब उन्होंने इज्जतनगर पुलिस को सूचना देकर पादरी प्रेम जोनल, उसके साथी विनोद उपाध्याय और नितिन को पकड़वा दिया। पुलिस की प्रारंभिक जांच में आरोपों की पुष्टि हुई है।
हिंदू जागरण मंच के जिला मंत्री गुलशन बहादुर ने बताया कि ये लोग अब तक करीब 30 गरीब परिवारों का धर्मांतरण कर उन्हें ईसाई बना चुके हैं। इन परिवारों को चिह्नित किया जा रहा है। उनकी हिंदू धर्म में वापसी कराने का प्रयास किया जाएगा।
एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि धर्म परिवर्तन या उसका प्रयास गंभीर अपराध है। मामले में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। प्राथमिकता से कार्रवाई की जाएगी। कहा कि ऐसे मामले में कहीं से फंडिंग होने की भी आशंका रहती है। टीम बनाकर आरोपियों के खातों व कॉल रिकॉर्ड की भी जांच कराई जाएगी। विवेचक की मदद के लिए क्राइम ब्रांच के किसी अनुभवी इंस्पेक्टर, एसओजी, सर्विलांस सेल व अकाउंट से जुड़े लोगों को टीम में शामिल किया जाएगा।
पादरी व चर्च से जुड़े कुछ लोग सोमवार को एसएसपी के पास पहुंचे। इन्होंने आरोपियों को निर्दोष बताकर छोड़ने की गुहार की। उनके साथ पहुंचे कुछ कथित मीडियाकर्मियों ने भी जोर दिया कि मामला धर्म परिवर्तन का नहीं है। रिपोर्ट गलत तरीके से दर्ज की गई है। तब एसएसपी ने इन लोगों से कहा कि मामला पूरी तरह से धर्म परिवर्तन का है। मौके से इस तरह के साक्ष्य भी मिले हैं। बचाव में कोई साक्ष्य देना चाहे तो दे सकता है। उसे विवेचना में शामिल करा लिया जाएगा।