नई दिल्ली. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपने ग्राहकों को बड़ा झटका दिया है. बैंक ने अपने एमसीएलआर रेट में बढ़ोतरी का ऐलान कर दिया है. ऐसे में अब ग्राहकों पर ईएमआई का बोझ बढ़ने वाला है.

बैंक की यह नई दरें 15 जुलाई 2022 से लागू होगी. बैंक ने एमसीएलआर रेट में 10 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है. इससे पहले केंद्रीय रिजर्व बैंक ने देश में महंगाई को कंट्रोल करने के लिए अपने रेपो रेट में मई और जून के महीने में बढ़ोतरी की थी. इसके बाद से ही लगातार सभी बैंक अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट्स यानी MCLR रेट्स में बढ़ोतरी की है. इससे पहले भी एसबीआई ने MCLR रेट्स में 10 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की थी. यह दरें 15 जून 2022 से लागू हैं. ऐसे में पहले से ही महंगे ईएमआई के बाद अब जनता को बढ़े ब्याज दर का बोझ उठाना होगा.

SBI की नई ब्याज दर अलग-अलग अवधि के लिए अलग है. बैंक के एक महीने, तीन महीने का MCLR अब 7.15 प्रतिशत हो गया है. पहले यह 7.05 प्रतिशत था. वहीं एक साल के कर्ज पर MCLR 7.5 प्रतिशत हो गया है पहले यह 7.4 प्रतिशत था. वहीं दो साल के लोन पर MCLR 7.8 प्रतिशत हो गया है. पहले 7.7 प्रतिशत था.

मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट्स की बढ़ोतरी का सीधा असर ग्राहकों को ऑफर किए जाने वाले ब्याज दर पर पड़ता है. इससे आपकी होम लोन, पर्सनल लोन, कार लोन, बिजनेस लोन आदि सभी तरह के लोन का बोझ बढ़ता है. बैंक आरबीआई के रेपो रेट की बढ़ोतरी और कमी के साथ ही अपना MCLR रेट निर्धारित करती है.

हाल ही में बैंक ऑफ बड़ौदा, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक , आईसीआईसीआई , यस बैंक , एचडीएफसी बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक ने अपने MCLR रेट्स में बढ़ोतरी की है.