नई दिल्ली। देश के कुछ राज्‍यों में ओल्‍ड पेंशन स्‍कीम को फ‍िर से बहाल क‍िया गया है. राजस्‍थान, छत्‍तीसगढ़, झारखंड और ह‍िमाचल प्रदेश की तरफ से पुरानी पेंशन योजना को फिर से शुरू करने के फैसले पर चिंता जताते हुए र‍िजर्व बैंक ऑफ इंड‍िया के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि सरकारी पेंशनहोल्‍डर्स की चिंताओं को दूर करने के लिए कम खर्चीले तरीके खोजे जाने चाहिए. राजन ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना में बड़े पैमाने का भावी परिव्यय शामिल होता है क्योंकि पेंशन को मौजूदा वेतन से जोड़ा जाता है.

उन्होंने कहा, ‘भले निकट भविष्य में न हो लेकिन लंबे समय में यह बड़ी ज‍िम्‍मेदारी होगी. उन्होंने कहा, जहां तक वह समझते हैं, पुरानी पेंशन योजना पर लौटना तकनीकी और कानूनी दोनों लिहाज से व्यावहारिक नहीं होगा. उन्होंने कहा, ‘जिस वजह से ऐसे कदम उठाने पड़ रहे हैं, उन चिंताओं का समाधान निकालने के लिए कम खर्चीले तरीके भी हो सकते हैं.’ एक बड़े कदम के तहत केंद्र सरकार के चुनिंदा कर्मचारियों के समूह को पुरानी पेंशन योजना को अपनाने के लिए एक बार का विकल्प दिया गया है.

ओपीएस के तहत कर्मचारियों को एक तय पेंशन मिलती है. एक कर्मचारी पेंशन के रूप में अंतिम प्राप्त वेतन के मुकाबले 50 प्रतिशत राशि पाने का हकदार है. ओपीएस को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने एक अप्रैल 2004 से बंद करने का फैसला किया था. नयी पेंशन योजना के तहत कर्मचारी अपने मूल वेतन का 10 प्रतिशत योगदान करते हैं, जबकि सरकार 14 प्रतिशत योगदान करती है.

राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड सरकार ने पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) को अपने कर्मचारियों के लिए ओपीएस फिर से शुरू करने के फैसले से अवगत कराया है. पंजाब ने भी ओपीएस फिर से शुरू करने का फैसला किया है.