नई दिल्ली। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए जल्दी ही बड़ी खुशखबरी मिलने वाली है. त्योहारी सीजन शुरू हो गया है और सरकार ने DA में बढ़ोतरी कर कर्मचारियों को सौगात दे चुकी है. इसके साथ ही अब सरकार 18 महीने के डीए एरियर पर भी फैसला सुना सकती है. इससे पहले अगस्‍त में नेशनल काउंसिल के सचिव (स्‍टाफ साइड) शिव गोपाल मिश्रा ने कैबिनेट सचिव और नेशनल काउंसिल के अध्यक्ष को एक लेटर भी भेजा है. अगर इस पर फैसला होता है तो केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स के खाते में बड़ी रकम आएगी.

केंद्रीय कर्मचार‍ियों का लंबे समय से 18 महीने के बकाया एरियर का इंतजार पूरा होने वाला है. सरकार की तरफ से इसकी घोषणा की जाने वाली है. सूत्रों के अनुसार इस महीने के अंत तक सरकार बकाया एरियर पर फैसला सुना सकती है. 18 महीने वाले डीए एरियर का लेकर भेजा जा चुका है और अब इस लेटर में कर्मचारियों के डीए एरियर पर चर्चा की जा रही है.

कर्मचारी इस 18 महीने के डीए एरियर को लेकर अपनी मांग पर डटे हुए हैं. अगर केंद्रीय कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग के तहत DA Arrear का बकाया मिलता है कर्मचारियों के खाते में मोटी रकम आएगी. नेशनल काउंसिल ऑफ JCM (स्टाफ साइड) के शिव गोपाल मिश्रा के अनुसार, लेवल-1 के कर्मचारियों का DA एरियर 11,880 रुपये से लेकर 37,554 रुपये के बीच बनता है. वहीं, लेवल-13 (7th CPC बेसिक पे-स्केल 1,23,100 रुपये से 2,15,900 रुपये) या लेवल-14 (पे-स्केल) के लिए कैलकुलेशन की जाएगी तो एक कर्मचारी के हाथ में DA एरियर का 1,44,200 रुपये से 2,18,200 रुपये का भुगतान किया जाएगा.

दरअसल, पेंशनर्स ने यह अपील की है कि ‘वित्त मंत्रालय को एक जनवरी, 2020 से 30 जून 2021 के बीच रोके गए DA/DR के एरियर को देना चाहिए. इस पर तत्काल कार्रवाई पर हम अत्यंत आभारी रहेंगे.’ पेंशनर्स का तर्क है कि डीए/डीआर जब रोका गया था तब खुदरा मुद्रास्फीति तेजी से बढ़ी थी और पेट्रोल-डीजल की कीमतें, खाद्य तेल और दलहन के दाम भी रिकॉर्ड ऊंचाई पर थे. ऐसे में ये बकाया एरियर का पैसा सरकार को नहीं रोकना चाहिए.

आपको बता दें कि अगर ये बकाया एरियर कर्मचारियों को मिलता है तो एक मोटी रकम उनके खाते में आएगी. ऐसे में, पेंशनर्स का कहना है कि DA/DR का भुगतान पेंशनर्स की जीवनयापन के लिए होता है. 18 महीने के दौरान लागत और खर्च लगातार बढ़े लेकिन भत्तों में इजाफा नहीं हुआ. ऐसे में पेंशनभोगियों की एकमात्र आय पेंशन का हिस्सा महंगाई राहत को रोकना उनके हित में नहीं है. इसलिए पेंशनर्स का कहना है कि सरकार को इस पर एक बार फिर विचार करना चाहिए.