नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार और भारतीय वायुसेना (आईएएफ) को निर्देश दिया कि वे शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) की 32 सेवानिवृत्त महिला अधिकारियों को पेंशन लाभ देने के उद्देश्य से उनकी उपयुक्तता के आधार पर स्थायी कमीशन (पीसी) देने पर विचार करें। प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने हालांकि, इस आधार पर उनकी सेवा बहाली का आदेश देने से इनकार कर दिया कि उन्हें 2006 और 2009 के बीच सेवा से मुक्त कर दिया गया था।
आदेश में कहा गया है, “देश सेवा की अनिवार्यताओं से संबंधित आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए बहाली एक व्यवहार्य विकल्प नहीं हो सकता है।” पीठ ने कहा कि स्थायी कमीशन की मंजूरी के लिए भारतीय वायुसेना द्वारा योग्य पायी गयी महिला आईएएफ अधिकारी उस तारीख से एकमुश्त पेंशन लाभ पाने की हकदार होंगी जब वे सेवा में 20 साल पूरे कर चुकी होतीं, यदि उनकी सेवा जारी रहती।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने “निष्पक्ष दृष्टिकोण” के लिए भारतीय वायुसेना की सराहना की और केंद्र और वायुसेना की ओर से पेश हो रहे वरिष्ठ अधिवक्ता आर. बालासुब्रमण्यम से कहा कि वह आईएएफ प्रमुख तथा सरकार तक उनकी सराहना पहुंचायें।
पीठ ने अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले में पूर्ण न्याय करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी असाधारण शक्ति का प्रयोग करते हुए कहा, “हमारा मानना है कि इन महिला एसएससी अधिकारियों को पेंशन लाभ देने पर विचार किया जाना चाहिए।” पीठ ने कहा कि भारतीय वायुसेना इन सेवानिवृत्त अधिकारियों की उपयुक्तता की जांच करेगी और एचआर (मानव संसाधन) नीति के अनुसार स्थायी कमीशन की मंजूरी के लिए पात्र पाये जाने पर पेंशन लाभ देने पर विचार करेगी।