नई दिल्ली. इन दिनों पुरानी पेंशन योजना काफी सुर्खियों में हैं. कई राज्य पुरानी पेंशन योजना को लागू भी कर चुके हैं और नई पेंशन योजना को बंद भी कर रहे हैं. पुरानी पेंशन योजना और नई पेंशन योजना (New Pension Scheme) दोनों सामान्य रूप से पेंशन योजनाएं हैं. हालांकि, दोनों एक दूसरे से अलग हैं. एनपीएस एक निवेश आधारित पेंशन योजना है, जो पुरानी पेंशन योजना के विपरीत है. पुरानी पेंशन योजना एक पेंशन उन्मुख योजना है और रिटर्न बढ़ाने के लिए बाजार में कुछ पैसे का इंवेस्टमेंट करती है.

ओपीएस के बारे में बात की जाए तो पुरानी पेंशन योजना कर्मचारियों को उनके Last Drawn Basic Pay का 50% और सेवानिवृत्ति पर महंगाई भत्ता या सेवा के पिछले दस महीनों में उनका औसत वेतन, जो भी उनके लिए अधिक लाभप्रद हो, प्राप्त होता है. इसके लिए कर्मचारी के लिए दस साल की सेवा अनिवार्य है.

ओपीएस के तहत कर्मचारियों को अपनी पेंशन में योगदान करने की आवश्यकता नहीं है. सरकारी नौकरी के तहत एक प्रोत्साहन ये भी दिया जाता है कि रिटायरमेंट के बाद पेंशन और पारिवारिक पेंशन की गारंटी मिले. हालांकि जीवन प्रत्याशा में वृद्धि के कारण ओपीएस सरकारों के लिए अस्थिर हो गया, जिसके बाद साल 2004 में नई पेंशन योजना लाई गई थी.

हालांकि अब एक बार फिर से कई राज्य सरकारें पुरानी पेंशन योजना पर शिफ्ट हो रहे हैं. वहीं कुछ राज्य तो पुरानी पेंशन योजना को लागू भी कर चुके हैं. राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों ने वो कर दिखाया है जो कई दूसरे राज्य नहीं कर पाए हैं. दरअसल, ये राज्य पहले ही पुरानी पेंशन योजना फिर से शुरू कर चुके हैं. इसके साथ ही इन राज्यों ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) को बंद कर दिया है.