नई दिल्ली। पुरानी पेंशन योजना को लेकर केंद्र और कुछ राज्‍यों के बीच तकरार की स्‍थ‍ित‍ि बनी हुई है. राजस्‍थान, छत्‍तीसगढ़, पंजाब और झारखंड सरकार की तरफ से ओपीएस की बहाली कर दी गई है. लेक‍िन केंद्र सरकार की तरफ से इसे लागू करने से प‍िछले द‍िनों साफ इंकार कर द‍िया गया था. इसके बावजूद भी कुछ राज्‍य सरकारों की तरफ से पुरानी पेंशन को लागू करने का ऐलान क‍िया जा रहा है. ह‍िमाचल प्रदेश के मुख्‍यमंत्री सुखव‍िंदर स‍िंह सुक्‍खू ने केंद्र के बयान के बाद कहा क‍ि पुरानी पेंशन को लेकर मेरी व‍ित्‍त सच‍िव से बात हो गई है. हमें पता है पैसा कहा से आना है?

अब महाराष्‍ट्र के उप मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का पुरानी पेंशन पर बड़ा बयान आया है. उन्‍होंने कहा, ‘सरकार पुरानी पेंशन योजना के अनुसार पेंशन नहीं देगी. अगर पुरानी पेंशन योजना लागू की जाती है तो इससे 1,10,000 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा और इससे राज्य दिवालिया हो जाएगा. पुरानी पेंशन योजना लागू नहीं होगी.’ राज्य विधानसभा में एक सवाल के जवाब में फडणवीस ने कहा क‍ि पुरानी पेंशन योजना को 2005 में बंद कर द‍िया गया था.

इतना नहीं नहीं फडणवीस ने सूबे के हित में पुरानी पेंशन योजना बंद करने का फैसला लेने के लिए तत्कालीन कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सरकार की प्रशंसा भी की. आपको बता दें उस समय व‍िलासराव देखमुख 1 नवंबर 2004 से 5 द‍िसंबर 2008 तक सूबे के मुख्‍यमंत्री थे. माना यह जा रहा है क‍ि उनका इशारा सीधा व‍िलासराव देशमुख की तरफ था.

इससे पहले व‍ित्‍त राज्‍य मंत्री भगवंत कराड और भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने भी पुरानी पेंशन योजना को लेकर बड़ा बयान द‍िया था. सुशील मोदी ने कहा था क‍ि जो राज्‍य आज पुरानी पेंशन का ऐलान कर रहे हैं उन्‍हें आज कोई द‍िक्‍कत नहीं होगी लेक‍िन 2034 में उनकी हालत श्रीलंका जैसी हो जाएगी. उन्‍होंने यह भी कहा था क‍ि पुनानी पेंशन लागू करके भविष्य की पीढ़ी पर बोझ डालना ‘बहुत बड़ा अपराध’ होगा.

आपको बता दें पुरानी पेंशन योजना के तहत कर्मचारी को पेंशन के रूप में अंतिम वेतन की 50 प्रतिशत धन राशि दी जाती थी. महाराष्ट्र के वित्त मंत्री फडणवीस ने कहा, ‘सरकार पुरानी योजना के अनुसार पेंशन नहीं देगी. अगर पुरानी पेंशन योजना लागू की जाती है तो इससे 1,10,000 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा और इससे राज्य दिवालिया हो जाएगा. पुरानी पेंशन योजना लागू नहीं होगी.’