एसपी के समर्थन से जीती दलित महिला को बीजेपी में शामिल कर लिया गया है। बागपत में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पहली बार दलित महिला के लिए आरक्षित हुआ है। इससे बीजेपी अपनी जीत का दावा करने में सबसे आगे है। चुनाव की तिथि घोषित ना होने के बावजूद बागपत में अध्यक्ष पद को लेकर रणनीति बननी शुरू हो गई है।
15 दिन पहले तक जिले में अध्यक्ष पद की रेस से बाहर दिख रही बीजेपी ने एसपी समर्थित दलित महिला बबली देवी को को पार्टी में शामिल कर लिया है। बागपत में जिला पंचायत के कुल 20 सदस्य हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष पद पहली बार दलित महिला के लिए आरक्षित हुआ है। 20 वॉर्ड में से दो वॉर्ड ही दलित महिला के लिए आरक्षित है, जिसमें एक पर आरएलडी और दूसरे पर एसपी समर्थक उम्मीदवार के जीतने से बीजेपी खेमे में काफी निराशा थी।
बीजेपी सांसद डॉ सत्यपाल सिंह, विधायक केपी मलिक और बागपत के बीजेपी विधायक योगेश धामा की मौजूदगी में एसपी समर्थित दलित महिला जिला पंचायत सदस्य बबली देवी को बीजेपी में शामिल किया गया। इससे अब तक शांत दिख रही जिला पंचायत राजनीति में उबाल आ गया। बताया जा रहा है कि इस सफलता में जिला पंचायत की राजनीति के पुराने खिलाड़ी माने जाने वाले और मौजूदा समय में असंतुष्ट एसपी नेता का भी सहयोग रहा। जिले में बीजेपी नेताओं ने अब जीत का दावा करना शुरू कर दिया है। हालांकि सपा समर्थित कैंडिडेट के बीजेपी में जाने के बावजूद अभी नंबर गेम में सपा-आरएलडी के 11 सदस्य हैं, जो बहुमत के जरूरी आंकड़े के बराबर हैं।
आरएलडी और एसपी ने जीत की आशा नहीं छोड़ी है। आरएलडी मंडल महासचिव ओमवीर ढाका के अनुसार आरएलडी, एसपी और बीएसपी के साथ ही चार निर्दलीय सदस्यों ने डीएम से मिलाकर अपना समर्थन आरएलडी के जिला पंचायत प्रत्याशी को देने की जानकारी दी। इसके साथ ही आरएलडी के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सांसद जयंत चौधरी को लिखित समर्थन पत्र सौंपा गया है। प्रदेश में एकमात्र छपरौली विधानसभा क्षेत्र से जीते आरएलडी प्रत्याशी सहेंद्र रमाला के बीजेपी का दामन थामने के बाद आरएलडी में निराशा थी, लेकिन त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बागपत सहित कई जिलों में आरएलडी के दमदार मौजूदगी दर्ज होने से समर्थक उत्साहित हैं।