मेरठ। मवाना कस्बे के मखदूमपुर रोड स्थित कब्रिस्तान में मंगलवार को शव दफनाने को लेकर सैफी व गाढ़ा समाज के लोगों में खूनी संघर्ष हो गया। जमकर हंगामे के बीच लाठी-डंडों के साथ-साथ धारदार हथियार चले और पथराव हुआ। संघर्ष में दस लोग घायल हो गए।
मवाना के मोहल्ला हीरालाल निवासी जमालुद्दीन सैफी की मंगलवार सुबह बीमारी के चलते मौत हो गई थी। सैफी समाज के लोग मखदूमपुर रोड स्थित कब्रिस्तान में कब्र खोदाई के लिए पहुंचे तो गाढ़ा समाज के लोगों ने विरोध कर दिया। जिसमें जमकर लाठी, डंडे के साथ धारदार हथियार चले। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया 20 मिनट तक पथराव भी हुआ।
संघर्ष में सैफी समाज की ओर से तहसीम, शौकीन पुत्रगण जमालुद्दीन, शमशुद्दीन, फहीमुद्दीन पुत्रगण इस्लामुद्दीन, मीर मोहम्मद पुत्र हमीद, नईमुद्दीन पुत्र रहीसुददीन और इरशाद घायल हो गए और गाढ़ा पक्ष से शाफेज समेत तीन लोग घायल हो गए। दारोगा भीम प्रकाश पुलिस बल के साथ पहुंचे और भीड़ पर दौड़ाकर हालात संभाले और घायलों को सीएचसी में भर्ती कराया।
बात इतनी बढ़ी कि सैफी समाज के लोग उक्त कब्रिस्तान में ही शव दफनाने पर अड़े तो तनाव फैल गया। वहीं, इस बीच शहरकाजी मौलाना नफीस, चेयरमैन अय्युब कालिया की मौजूदगी में गाढ़ा बिरादरी के कब्रिस्तान के मुतवल्ली शेरद्दीन और डा. एमएम सैफी, अबरार सैफी, साबिर, हाजी तहजीब पक्ष के लोगों के बीच करीब ढाई घंटे वार्ता हुई और शव मिल रोड स्थित बाईपास कब्रिस्तान पर दफनाने पर सहमति बनी और देर शाम शव दफना दिया।
वहीं, इससे पूर्व सैफी समाज के लोग सैकड़ों की संख्या में एकत्र होकर थाने पहुंचे और गाढ़ा पक्ष के छह नामजद समेत 10-12 अज्ञात के खिलाफ तहरीर दी। इंस्पेक्टर विष्णु कौशिक ने बताया कि शव दफनाने के बाद दोनों पक्षों में मामले का लगभग पटाक्षेप हो गया। फिर भी किसी ने तहरीर दी है तो जांच होगी। इस संबंध में तहरीर भी नहीं दी गई है।