राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अत्यंत महत्वपूर्ण और संवेदनशील दस्तावेजों में सेंध लगाकर हैकर्स ने मेजर और उनके पिता को ब्लैकमेल करते हुए 20 लाख की रंगदारी की मांग की। रंगदारी नहीं देने पर रक्षा मंत्रालय को शिकायत की गई, जिसमें सैन्य अधिकारी का कोर्ट मार्शल करते हुए बर्खास्त कर दिया गया। ऐसा एक सैन्य अधिकारी का दावा है, जिन्होंने चार लोगों के खिलाफ सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

मेरठ कैंट में तैनात एक मेजर ने एसपी क्राइम अनित कुमार से शिकायत की। आरोप लगाया कि 2022 में उनके पिता का दिल्ली के आर्मी हॉस्पिटल में इलाज हुआ था। इलाज के बाद हैकर्स मेजर के आर्मी डोजियर व कई महत्वपूर्ण और संवदेनशील रिकाॅर्ड तक पहुंच गए। उन्होंने मेजर और उनके पिता को फोन कर दस्तावेज लीक करने की धमकी देकर 20 लाख की रंगदारी मांगी। आरोपियों ने मेजर का कोर्ट मार्शल और बर्खास्त कराने की धमकी भी दी।

मेजर ने इन धमकियों पर ध्यान नहीं दिया तो आरोपियों ने रक्षा मंत्रालय में झूठी शिकायत कर दी। विभागीय जांच के बाद मेजर का कोर्ट मार्शल कर दिया गया।

मेजर की शिकायत पर हिमाचल प्रदेश के ऊना निवासी सतीश मेनन शास्त्री, हरियाणा के गुरुग्राम निवासी सुरेश, गुजरात के भुज निवासी सुमित कुमार और शामली निवासी गौरव कुमार जावला के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।

रक्षा मंत्रालय व आर्मी हेड क्वार्टर की जांच में गाजियाबाद के युवक का नाम सामने आया
रक्षा मंत्रालय व आर्मी हेड क्वार्टर की जांच में गौरव कुमार निवासी कुमार सोसायटी भोपुरा गाजियाबाद का भी नाम सामने आया है। हालांकि पुलिस ने नामजद आरोपियों में उसका नाम शामिल नहीं किया।

मेजर ने आरोपियों से अपने और परिवार को जान के खतरे की आशंका जाहिर की है। उन्होंने आरोपियों की गिरफ्तारी और उनसे बरामद होने वाले मोबाइल, लैपटॉप आदि इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की फोरेंसिक जांच कराने की मांग भी की है।

मेजर के शिकायती पत्र के अनुसार आरोपियों के हाथ जो दस्तावेज लगे हैं, उनमें सेना के वर्तमान में चल रहे ऑपरेशन और भविष्य की रणनीति को लेकर भी महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं, जिनके लीक होने से राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए तो खतरा होगा।

सैन्यकर्मियों की जान का जोखिम भी बढ़ सकता है। इसके अलावा आर्मी यूनिट के पते और पिनकोड आदि की महत्वपूर्ण जानकारी है।

मेजर ने आशंका जताई कि आरोपियों के पास अन्य सैन्य अफसरों का डोजियर व रिकॉर्ड भी हो सकता है। गिरोह के पास अन्य वर्गीकृत और गुप्त रक्षा की जानकारी भी हो सकती है। जिसका इस्तेमाल कर आरोपी अन्य सैन्य अफसरों को भी ब्लैकमेल कर देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं।