शामली। मेरठ-करनाल मार्ग के चौड़ीकरण में गांव टपराना में सभी रुकावटें दूर करते हुए गांव के मुख्य द्वार और मदरसे के गेट को प्रशासन व एनएचएआई टीम ने ध्वस्त करा दिए। गांव के गेट के बारे में टीम के अधिकारियों का कहना है यह सरकारी भूमि पर बना था, इसका कोई मुआवजा नहीं दिया गया।

क्षेत्र के गांव टपराना में पिछले माह से ग्रामीणों व प्रशासन, एनएचएआई की टीम के बीच मुआवजे को लेकर टकराव की स्थिति बन गई थी। गांव वालों को मुआवजे की रकम मिलने के साथ प्रशासन व एनएचएआई ने सभी 51 भवनों व दुकानों को ध्वस्त कराकर कब्जा मुक्त करा लिया है। निर्माण कंपनी के अधिकारी अजय सिंह चारण ने बताया कि टपराना में एक फ्लाईओवर का बनना प्रस्तावित है। इसी को लेकर ग्रामीणों को मुआवजा देकर भूमि खाली कराई गई है। इस मौके पर पहुंची एसडीएम निकिता शर्मा ने बताया कि मेरठ-करनाल हाईवे की जद में आ रहे सबसे बड़े निर्माण ग्राम पंचायत व मदरसे का गेट था, जिसे ध्वस्त कराया गया है। गेट तोड़ते समय दोनों और ट्रैफिक को पुलिस ने बंद कर दिया था। जिससे हाईवे पर लंबा जाम लग गया। घंटों चली कार्रवाई पूर्ण होने पर मार्ग को सुचारु किया गया। इस अवसर पर थाना प्रभारी निरीक्षक हरीश सिंह राजपूत, नायब तहसीलदार सचिन वर्मा, संजय शर्मा, लेखपाल मुकेश कुमार आदि मौजूद रहे।