इलाज के दौरान जब कॉल गर्ल की तीन मई को मौत हो गई तो व्यापारी पुत्र ने खुद ही थाइलैंड एंबेसी सम्पर्क भी किया। मामला दो देशों के बीच होने के कारण खुल गया। इस प्रकरण की जब पुलिस ने जांच की तो एक के बाद एक कई खुलासे हुए। मालूम चला कि इस कॉल गर्ल को अभी 10 दिन पहले ही लखनऊ के एक टॉप व्यापारी के बेटे ने सात लाख रुपए खर्च करके थाईलैंड से बुलाया था। दो दिन बाद ही वह बीमार पड़ गई तो उसे लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां तीन मई को उसकी मौत हो गई।
पुलिस की जांच में सामने आया है कि व्यापारी के बेटे ने कॉल गर्ल की तबियत बिगडऩे पर खुद थाईलैंड एंबेसी को फोन करके इसकी जानकारी दी थी। इसके बाद एंबेसी ने भारत के विदेश मंत्रालय की मदद से उसे अस्पताल में भर्ती कराया था। पुलिस के अनुसार यह कॉल गर्ल राजस्थान के रहने वाले एक ट्रैवेल एजेंट के संपर्क में थी। उसी ने इसे लखनऊ भेजा था। पुलिस अब इस एजेंट को भी तलाश कर रही है। इसके बाद कॉल गर्ल के शव को सौंपे जाने की प्रक्रिया काफी जटिल होती गई।
पुलिस ने पहले थाईलैंड एंबेसी में संपर्क करके उसके परिवार के लोगों को शव हैंडओवर करने की कोशिश की, लेकिन जब नहीं हो पाया तो शनिवार को एजेंट सलमान की मौजूदगी में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। इसी एजेंट के सहारे वह भारत आई थी। कॉल गर्ल की मौत के बाद पुलिस अब राजधानी में पांव पसार रहे इंटरनेशनल कॉल गर्ल रैकेट के बारे में पता करने में जुट गई है। पुलिस का कहना है कि यह भी ट्रेस किया जा रहा है कि कॉल गर्ल के संपर्क में और कौन-कौन आया है।