मेरठ। खादर का भूमि विवाद गहराता जा रहा है। खादर के भगवानपुर स्थित जिस भूमि पर छह दिन पूर्व खूनी संघर्ष के हालात बने थे, उसका बैनामा फर्जी होने का दावा किया गया है। सदन के उपाध्यक्ष ने लेखपाल, उपनिबंधक व तहसील के अधिकारी, कर्मचारियों समेत 11 नामजद व छह अज्ञात के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई है। भगवानपुर खादर स्थित शिव सदन की मुख्य शाखा गोविंद सदन मदईपुर महरौली दिल्ली के उपाध्यक्ष सीएस चड्ढा पुत्र ताराचंद चड्ढा ने शुक्रवार रात किठौर थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि सुक्खा पुत्र विशंबर सिंह निवासी भगवानपुर शिव सदन का सेवादार था। खसरा 58, 59, 60, 68/2 और 79 में उसकी कृषि भूमि थी। सुक्खा ने अपनी मृत्यु से करीब साढ़े आठ माह पूर्व सात जुलाई 2014 को उक्त भूमि की वसीयत गोविंद सदन के नाम कर कब्जा भी दे दिया था, लेकिन सुक्खा सिंह की मृत्यु के बाद लेखपाल धर्मपाल ने तहसील कर्मचारियों और तत्कालीन उपनिबंधक से मिलीभगत कर 29 जून, 2016 को उसकी भूमि का फर्जी बैनामा अपने छोटे भाई कंवरपाल पुत्र रतिराम निवासी पूठीगेट परीक्षितगढ़ व सीमा पत्नी विनोद कुमार निवासी गोहरा हापुड़ के नाम करा दिया।

आरोप है कि इस फर्जीवाड़े में राहुल, कल्लू, बीरपाल, बाबू, बिक्कर और बब्बू का कंवरपाल पक्ष का सहयोग रहा। बताया कि फर्जीवाड़े के बाद सदन के सेवादारों ने कुंवरपाल पक्ष को भूमि पर कब्जा नहीं दिया। आरोप है कि गत 27 मई को उपरोक्त आरोपित 5-6 अज्ञात लोगों के साथ हथियार लेकर फार्म पर पहुंचे और सेवादारों के साथ मारपीट करते हुए भूमि कब्जाने का प्रयास किया। बताया कि धर्मपाल व कुंवरपाल ने सेवादारों पर फायरिंग की। जिससे भयभीत सेवादार शिवसदन छोड़ भागे और दिल्ली पहुंचकर जानकारी दी। ये है मामला बता दें कि विगत शुक्रवार को राजस्व टीम ने पुलिस की मौजूदगी में शिवसदन की उक्त भूमि पर पैमाइश के बाद मेंढबंदी कर दी थी।

कुंवरपाल पक्ष ने यहां चारा बोया था। जिसको सेवादारों द्वारा रौंद दिया गया था। शुक्रवार को दोनों पक्षों में यहां टकराव की नौबत आई। पुलिस मौके पर पहुंची और सेवादार पक्ष के चिराग उर्फ को पकड़कर जेल भेज दिया। कुंवरपाल ने उपकार सिंह, निर्मल सिंह, कुलवंत सिंह, इकबाल सिंह, राजेंद्र सिंह समेत सात सेवादारों के विरुद्ध नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी। नामजदगी के बाद से सेवादार फरार हैं। उधर,सीएस चड्ढा द्वारा कराई गई रिपोर्ट को क्रास के तौर पर देखा जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि उक्त भूमि विवाद में बड़ी घटना से इंकार नही किया जा सकता। कार्यवाहक प्रभारी नरेश कुमार का कहना है कि मामले में जांच की जाएगी।