मेरठ : सरधना से भाजपा विधायक संगीत सोम के प्रतिनिधि और मैनेजर पर सिपाही पर हमले के मामले में मुकदमा दर्ज होने पर सियासत शुरू हो गई है। नामजद आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने सुबूत जुटाए। इसमें पता चला कि सिपाही पर हमला करते समय विधायक के प्रतिनिधि और मैनेजर ने जान से मारने की धमकी दी है। एसएसपी ने एसपी देहात से रिपोर्ट मांगी है।
सरधना के अकलपुरा में ठाकुर और अनुसूचित जाति के लोगों के बीच विवाद चल रहा था। इस मामले की जानकारी पर चार अगस्त को पुलिस पहुंची थी। आरोप है कि सिपाही दीपपाल पर संगीत सोम के प्रतिनिधि शेखर सोम और मैनेजर विनोद ने हमला किया। जान से मारने की धमकी देते हुए सरकारी कार्य में बाधा डाली। चार अगस्त को सिपाही की तहरीर पर शेखर सोम और विनोद पर गुपचुप तरीके से केस दर्ज कर लिया गया।
रविवार को इस मामले की जानकारी लखनऊ तक पहुंची। इस पर शासन ने भी रिपोर्ट मांगी ली है। इस प्रकरण में अब सियासत शुरू हो गई। बताया गया है कि सिपाही दीपपाल से साथ गए पुलिसकर्मियों और चौकी इंचार्ज से भी इस मामले की जानकारी ली गई। उन्होंने भी सिपाही के आरोपों का समर्थन करते हुए दोनों आरोपियों की शिकायत की है। अधिकारियों ने पुलिसकर्मियाें के बयान भी दर्ज कराने की बात कही है।
सिपाही पर हमले के मामले की गूंज लखनऊ तक पहुंचते ही इंस्पेक्टर सरधना ब्रिजेश सिंह और एसएसआई सुभाष सिंह छुट्टी पर चले गए। इसे लेकर पुलिस विभाग में अलग-अलग चर्चाएं हैं। पुलिस भले ही जांच का दावा कर रही हो, लेकिन विधायक के दबाव में पुलिस चार दिन में एक कदम आगे नहीं बढ़ी है। चर्चा है कि मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस दबाव में है। पीड़ित सिपाही के साथ उसके साथी सिपाही, चौकी इंचार्ज ने उसके आरोपों का समर्थन कर दिया है। इससे पुलिस अधिकारियों में भी खलबली मची है।
सिपाही की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले की निष्पक्ष जांच होगी। तथ्य के आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी। जो सिपाही मौके पर थे, उनसे जानकारी ली जा रही है। एसपी देहात से पूरी रिपोर्ट मांगी गई है।