अगर आप गैस गीजर आन करके नहाते हैं, तो ये खबर आपके काम की है। अगर गैस गीजर लेने की सोच रहे हैं तो भी आपको यह खबर पढ़नी चाहिए। क्योंकि पानीपत में एक 17 वर्षीय छात्र की नहाते समय मौत हो गई। छोटी-छोटी सावधानियां बरतकर हम ऐसा हादसा होने से बचा सकते हैं। दैनिक जागरण ने गैस गीजर वितरक से लेकर फिजिशियन से बात की। आखिर, उस समय क्या हालात होते हैं, कैसे बचा जा सकता है, ये सब जानिये इस रिपोर्ट में।
सबसे पहले हमने बात की गैस गीजर के वितरक से। पानीपत में हरियाणा इलेक्ट्रानिक्स नाम से शोरूम चलाने वाले योगेश गोयल का कहना है कि जितने भी हादसे गैस गीजर की वजह से हुए हैं, उनमें 99 प्रतिशत मामलों में आक्सीजन की कमी से ही जान गई है। होता ये है जब हम गैस गीजर आन करते हैं तो एक साथ तीन बर्नर चलने जैसे हालात बनते हैं। यूं समझिए, आप अपने गैस चूल्हे के तीन बर्नर आन कर देते हैं। जब गैस गीजर चलता है तो आक्सीजन की कमी होने लगती है। आमतौर पर घरों में बाथरूम छोटे ही होते हैं। हम लापरवाही ये बरतते हैं कि गीजर आन कर टोंटी से पानी निकालने लगते हैं। नहाते भी रहते हैं। बाथरूम में अगर वेंटीलेशन नहीं है तो धीरे-धीरे आक्सीजन कम होने लगती है। हमें इसका एहसास नहीं होता। जब तक कुछ समझ पाते हैं, तब तक दिमाग पर असर हो जाता है। बेसुध हो जाते हैं। बेहोश होने के बाद किसी को खबर नहीं लगती कि बाथरूम में अंदर क्या हो रहा है। और आखिरकार आक्सीजन की कमी से जान चली जाती है।
गैस गीजर को बाथरूम से बाहर ही लगाने का प्रयास करें, अगर संभव न हो तो बाथरूम में खिड़की जरूर हो
सिलेंडर तो बाहर ही होना चाहिए
खिड़की पर कपड़ा या कुछ ऐसा न ढंकें, जिससे कि हवा ही पास न हो सके
सबसे बेहतर तो यही रहेगा कि गैस गीजर से पहले पानी भर लें
बाल्टी या टब भर जाने के बाद इसे बंद कर दें। इसके बाद अंदर नहाने जाएं। इससे जान को खतरा ही नहीं रहेगा