भारत समेत दुनियाभर में कई ऑनलाइन फ्रॉड के मामले सामने आ रहे हैं. अब एक ऐसा ही फर्जी ऐप सामने आया है, जो फोन यूजर्स की डिटेल्स चोरी छिपे हैकर्स तक पहुंचा रहा था. दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स में बताया है कि ‘Safe Chat’ नाम का एंड्रॉयड ऐप यूजर्स की सेंसटिव डिटेल्स को हैकर्स के साथ शेयर करता है.
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया है कि SafeChat नाम का फेक ऐप एंड्रॉयड यूजर्स के डेटा पर सेंध लगाने में मदद करता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये ऐप डिवाइस में स्पाई वेयर पहुंचाने का काम करता है. इसके बाद यह सॉफ्टवेयर WhatsApp समेत कई मैसेजिंग का डेटा एक्सेस करने में मदद करता है. इसमें Call Logs, Texts और GPS लोकेशन आदि शामिल है.
इस स्पाईवेयर को Coverlm का वेरिएंट बताया गया है, जो कम्यूनिकेशन ऐप्स जैसे Telegram, Signal, WhatsApp, Viber और Facebook Messenger आदि को टारगेट करता है. CYFIRMA के रिसर्च के मुताबिक, इस मैलवेयर के पीछे Bahamut नामक एक भारतीय APT हैकिंग ग्रुप है.
पहले हैकर्स विक्टिम के हैंडसेट में SafeChat app इंस्टॉल कराने की कोशिश करते हैं. इस ऐप को एक चैटिंग ऐप के रूप में प्रेजेंट किया जाता है. एक बार फोन में इंस्टॉल होने के लिए यह ऐप कुछ सर्विस की रिक्वेस्ट मांगता है. इसके बाद यह ऑटोमैटिक एक्स्ट्रा परमिशन एक्सेस कर लेता है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये ऐप विक्टिम की कॉन्टैक्ट लिस्ट, SMS, कॉल लॉग, डिवाइस स्टोरेज और GPS लोकेशन आदि का एक्सेस ले लेता है. इतना ही नहीं यह ऐप एंड्रॉयड स्मार्टफोन में बैकग्राउंड में भी काम करता रहता है. इसका मतलब है कि जब यूजर्स इसे इस्तेमाल नहीं करते हैं, तब भी ये अपना काम करता है. इसके बाद यह फोन में मौजूद अन्य ऐप का डेटा चुराने का काम करता है.
प्लेस्टोर से डाउनलोड करें ऐप्सः साइबर फ्रॉड से सुरक्षा के लिए जरूरी है कि यूजर्स ऑफिशियल ऐप्स स्टोर से ही ऐप इंस्टॉल करें. अनजान सोर्स से किसी ऐप्स को इंस्टॉल करने से बचना चाहिए.
ऐप्स की परमिशन करें चेकः किसी भी ऐप्स को इंस्टॉल करने से पहले चेक कर लें. ऐप्स की परमिशन चेक करने के लिए मोबाइल सेटिंग्स में जाकर ऐप्स की कैटेगरी में परमिशन को देखा जा सकता है. अलग -अलग फोन में ये ऑप्शन अलग-अलग हो सकते हैं.
डिवाइस को रखें अपडेट: स्मार्टफोन को हमेशा ही अपडेट रखना चाहिए. दरअसल, स्मार्टफोन मेकर्स और गूगल लगातार नए-नए वारयस से बचाव करने में मदद करते हैं.