
नई दिल्ली। आतंकवाद के मसले पर चीन भी ब्रिक्स देशों के साथ अहम खुफिया सूचनाएं साझा करने को तैयार हो गया है। जरूरी होने पर इसके लिए कानूनी ढांचा भी तैयार किया जाएगा। ब्रिक्स बैठक में आतंकरोधी रणनीति पर मुहर को भारत की बड़ी सफलता माना जा रहा है। अगर इसपर सख्ती से अमल हुआ तो चीन के लिए पाकिस्तान का बचाव करना मुश्किल हो जाएगा।
बैठक के बाद जारी ब्रिक्स आतंकरोधी रणनीति के दस्तावेज में कहा गया है कि आतंक को रोकने और मुकाबला करने के लिए सदस्य देशों के सुरक्षा और कानून-प्रवर्तन अधिकारियों के बीच व्यावहारिक सहयोग में सुधार करना जरूरी है। इसके तहत समय पर सटीक जानकारी साझा करना शामिल है और यदि आवश्यक हो तो इस तरह के साझाकरण के लिए कानूनी ढांचा तैयार करने जैसे उपायों पर काम किया जाएगा। आतंकरोधी रणनीति के अमल की समीक्षा वर्किंग ग्रुप द्वारा की जाएगी।
रणनीति के तहत उन संस्थाओं और लोगो के खिलाफ़ कार्रवाई की जाएगी जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद को बढ़ावा देने, इसके वित्तपोषण, आतंकवादी गतिविधियों को आयोजित करने, भड़काने, सुविधा देने, भाग लेने, प्रोत्साहित करने या सहन करने में शामिल होंगे।
रणनीति में सभी राष्ट्रों से आह्वान किया गया है कि वे आतंकी ठिकानों या अन्य राज्यों या उनके नागरिकों के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के मकसद से होने वाले अपराध या संगठन के लिए अपने क्षेत्रों के उपयोग को रोकने के लिए उचित उपाय करें।
अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का मुकाबला करने में संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय और समन्वित भूमिका के समर्थन के लिए उनके सहयोग को बढ़ाने और आतंकवाद से संबंधित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के सख्त और पूर्ण कार्यान्वयन की आवश्यकता बताई गई है। संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक आतंकवाद-रोधी कानून का व्यापक कार्यान्वयन करने पर भी सहमति बनी है। एक संतुलित तरीके से रणनीति बनाकर प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद-निरोधी कानून और प्रोटोकॉल के प्रावधानों के कार्यान्वयन पर भी सहमति बनी है।
इन पर कसेंगे नकेल
आतंकवादी समूहों, संस्थाओं और इससे संबद्ध व्यक्तियों को मानव, वित्तीय या हथियार जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने वालो के खिलाफ भी कार्रवाई को लेकर रजामंदी जताई गई है।
सीमापार आवाजाही पर अंकुश लगाएंगे
सहमति के मुताबिक आतंकवादियों की एक राष्ट्र की सीमा से दूसरे राष्ट्र में आवाजाही या हलचल को रोकने और उनका पता लगाने के लिए आतंकवाद पर अंतरराष्ट्रीय डेटाबेस के मुताबिक एक्शन प्लान बनाकर नकेल कसी जाएगी। यूएन आतंकियों की सूची को भी कार्रवाई के लिए उपयोग में लाया जाएगा। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा सूचीबद्ध आतंकी संगठनों पर खुफिया और सूचना साझा करने और सहयोग को मजबूत करने के लिए ब्रिक्स काउंटर-आतंकवाद कार्य समूह का उपयोग करने पर भी सहमति बनी है।
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