पंढरपुर. शिंदे ने 30 जून को ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। इसके बाद वह अपनी पत्नी लता शिंदे के साथ पंढरपुर पहुंचे। दरअसल, यह दिन महाराष्ट्र के लिए पवित्र माना जाता है और हर साल मौजूदा मुख्यमंत्री अपने परिवार के साथ भगवान विट्ठल के मंदिर में पूजा करते हैं।
आषाढ़ी एकादशी के अवसर पर रविवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पंढरपुर में भगवान विट्ठल के मंदिर में पूजा अर्जना की। दरअसल, यह दिन महाराष्ट्र के लिए पवित्र माना जाता है और हर साल मौजूदा मुख्यमंत्री अपने परिवार के साथ भगवान विट्ठल के मंदिर में पूजा करते हैं।
शिंदे ने 30 जून को ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। इसके बाद वह अपनी पत्नी लता शिंदे के साथ पंढरपुर पहुंचे। इस मौके पर मुख्यमंत्री के बेटे सांसद श्रीकांत शिंदे व उनका परिवार भी उनके साथ था।
पूजा-अर्चना के बाद एकनाथ शिंदे ने लोगों को संबांधित किया। मंदिर परिसर में ही आयोजित सभा में उन्होंने कहा, महाराष्ट्र सरकार किसानों की आत्महत्या रोकने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा भगवान विट्ठल के आशीर्वाद से, लोगों के सभी कष्ट दूर होंगे। उन्होंने कहा, यह सरकार आम आदमी की है। किसान हों, मजदूर हों, समाज के सभी वर्गों के लोगों को यह महसूस करना चाहिए कि यह सरकार उनकी है। हम अपने काम के जरिए ऐसी भावना पैदा करने की कोशिश करेंगे।सीएम ने कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि उन्हें इस साल पूजा करने का अवसर मिला।
सीएम शिंदे ने कहा, पिछले दो सालों से कोरोना के कारण मंदिर यह यात्रा नहीं हो सकी, लेकिन इस बार 10 लाख से अधिक भगवान विट्ठल का आशीर्वाद लेने पहुंचे। उन्होंने कहा कि प्रदेश को प्रगति, सर्वांगीण विकास के पथ पर ले जाने और लोगों के लिए अच्छे दिन लाने का राज्य सरकार का प्रयास होगा।