यूपी। एक भी बच्चा स्कूल जाने से वंचित न रहने पाए और कोई भी बच्चा किसी भी संचारी रोग की चपेट में न आए। ये जिम्मेदारी हम सबकी है। बच्चों को स्कूल लाना है, उसके अभिभावक को तैयार करना है जिससे हम प्रदेश के अंदर साक्षरता को शत प्रतिशत कर सकें। शत प्रतिशत साक्षरता प्रदेश के लिए एक बड़ी पूंजी होगी। आने वाले समय में इस अभियान को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्कूल चलो अभियान-2023 तथा संचारी रोग नियंत्रण अभियान का शुभारंभ करते हुए कहीं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को मुफ्त पाठ्य पुस्तकें प्रदान कीं। साथ ही,निपुण असेसमेंट में उत्तीर्ण छात्रों को रिपोर्ट कार्ड भी प्रदान किया। स्कूल रेडीनेस और शिक्षक संदर्शिका का भी विमोचन किया। इसके अलावा मिशन शक्ति के अंतर्गत रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम का भी शुभारंभ किया।

नए शैक्षिक सत्र की शुरुआत के अवसर पर सीएम योगी ने कहा कि प्राचीन काल से ही उत्तर प्रदेश शिक्षा का और स्वास्थ्य का केंद्र बिंदु रहा है। लेकिन समय के अनुरूप खुद को तैयार न करने के कारण एक समय उत्तर प्रदेश की पहचान अराजकता, गुंडागर्दी,दंगे, भ्रष्टाचार और अव्यवस्था के लिए होने लगी थी। पिछले 6 वर्षों के अंदर प्रदेश सरकार ने जो कदम उठाए आज उसके परिणाम हर क्षेत्र में देखने को मिल रहे हैं। स्कूल चलो अभियान का शुभारंभ हमने पहली जुलाई 2017 में कुकरैल में किया था। यह कार्यक्रम पूरी तरह सफल रहा। मुझे प्रसन्नता है कि बच्चों के नामांकन की जो संख्या जुलाई 2017 में एक करोड़ 34 लाख थी, वो आज बढ़कर 1.92 करोड़ पहुंच गई है। पहले ड्रॉप आउट रेट का कारण क्या था। विद्यालय के भवन जर्जर थे, फर्श अच्छा नहीं था, विद्यालय भवन के ऊपर बड़े -बड़े पेड़ जमे हुए थे, बालक-बालिकाओं के लिए अलग-अलग टॉयलेट नहीं थे, पेयजल की सुविधा नहीं थी। आधे से अधिक बालिकाएं नंगे पैर स्कूल आती थी, बालकों में भी यह संख्या 40 फीसदी के आसपास थी। यूनिफॉर्म अच्छी क्वालिटी की नहीं थी। जो यूनिफॉर्म मिलती थी वो भी सत्र समाप्त होने के बाद। उस समय मैंने महसूस किया कि जिन बच्चों के प्रति हम लोग इतने लापरवाह हैं, वो केवल एक मासूम बच्चा नहीं है, हम अपने भविष्य के प्रति लापरवाह हैं। इसीलिए हमारी सरकार ने तय किया कि हर बच्चे को दो यूनिफॉर्म मिलेंगे, बैग, बुक्स, जूते-मोजे देंगे।