मेरठ ,मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मेरठ आ रहे हैं। सीएम योगी यहां शहीद स्मारक पर 1857 की क्रांति के शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे। इसके अलावा कई अन्य कार्यक्रमों में शामिल होंगे। सीएम शहर में करीब सवा 4 घंटे रहेंगे। मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर पुलिस-प्रशासन ने अभेद सुरक्षा घेरा तैयार कर लिया है।

ड्रोन के लिए नो-फ्लाइंग जोन घोषित कर दिया गया है। कोई भी व्यक्ति मुख्यमंत्री के मेरठ शहर में रहने के दौरान कार्यक्रम स्थल या अन्य जगहों पर ड्रोन नहीं उड़ा पाएगा। यातायात व्यवस्था बनाने के लिए 100 ट्रैफिक पुलिसकर्मी और पीएसी भी लगाई गई है।

शहर में सुरक्षा को लेकर कड़े इंतजाम किए गए हैं। एडीजी राजीव सभरवाल, आईजी प्रवीण कुमार, कमिश्नर सुरेंद्र सिंह, एसएसपी प्रभाकर चौधरी खुद सुरक्षा व्यवस्था को लेकर रात तक मीटिंग करते रहे। सुरक्षा के लिए आठ एसपी/ एएसपी रैंक के अधिकारी, 16 डीएसपी, 50 इंस्पेक्टर/ थाना प्रभारी, 250 दरोगा और हेड कांस्टेबल लगाए गए हैं। तीन कंपनी पीएसी के अलावा 1200 जवान पुलिस के लगाए गए हैं।

पुलिस लाइन हैलीपेड़, शहीद धन सिंह कोतवाल चौक, सर्किट हाउस, कमिश्नरी, विक्टोरिया पार्क, शहीद स्मारक, औघड़नाथ मंदिर और आसपास सुरक्षा के भारी बंदोबस्त किए गये हैं। एटीएस के अलावा स्पेशल कमांडो कार्यक्रम स्थल के आसपास पहले से ही पहुंच चुके हैं।

सीएम योगी शाम साढ़े चार बजे मेरठ पुलिस लाइन पहुंचेंगे। वह हिंडन गाजियाबाद से सीधे मेरठ आएंगे। सबसे पहले शहीद धन सिंह कोतवाल की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन करेंगे। उसके बाद बाद अफसरों के साथ समीक्षा बैठक कर अलग अलग कार्यक्रमों में भाग लेंगे।

विक्टोरिया पार्क को सजाया गया क्रांति दिवस के लिए मेरठ में तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं। ऐसा पहली बार है जब सीएम विक्टोरिया पार्क भी जायेंगे। यह वही विक्टोरिया पार्क है, जहां 1857 में जेल थी। इसी जेल को तोड़कर 85 सैनिक व 836 कैदियों को रिहा कराते हुए जेल को आग के हवाले कर दिया था।

1857 में 10 मई की सुबह मेरठ के सदर बाजार थाने के कोतवाल धन सिंह गुर्जर ने सैनिकों का पक्ष लेते हुए भीड़ जुटानी शुरू कर दी। मेरठ में तहसील, कोर्ट, जेल के बाहर लोग एकत्र होने लगे। दस मई को अंग्रेज अफसर कर्नल जोंस फिनिस ने भीड़ को रोकने का प्रयास किया। उसी समय छावनी के बाहर अंग्रेज अफसर का वध कर दिया गया। 1857 की क्रांति के समय यह किसी अंग्रेज अफसर का पहला वध था।

10 मई 1857 की शाम हो चुकी थी। चारों तरफ अंधेरा पसर गया। छावनी क्षेत्र में ब्रिटिश अफसर फोर्स के साथ घोड़ों पर गश्त करने लगे। मेरठ के सदर थाने के कोतवाल धन सिंह गुर्जर ने रात में अपने साथ घाट, पांचली व आसपास के गांव व शहर से पांच हजार से ज्यादा लोग जुटा लिए।

जिसके बाद रात दो बजे विक्टोरिया पार्क की जेल पर हमला बोल दिया। पुलिस की वर्दी में पहुंचे कोतवाल धन सिंह ने जेल में बंद 85 सैनिकों को छुड़ाकर अपने साथ कर लिया। 836 कैदी छुड़ाए और अपने बेड़े में शामिल कर लिए। जेल को आग के हवाले कर दिया गया। मेरठ तहसील व कोर्ट परिसर भी फूंक दिए गए।