लखनऊ. उत्तर प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव दो चरणों में होंगे. प्रदेश सरकार द्वारा नगर निकाय चुनाव के लिए आरक्षण की आपत्तियों का निस्तारण करने के बाद रविवार को अंतिम अधिसूचना जारी करते हुए चुनाव की घोषणा कर दी गई है. पहले चरण में 37 जिलों में मतदान 4 मई और दूसरे चरण में 38 जिलों में मतदान 11 मई को होगा. वहीं, चुनाव के नतीजे 13 मई को आएंगे.

बहरहाल, पहले चरण में प्रदेश के नौ मंडलों के 37 जिलों में मतदान होगा, जिसमें प्रदेश की राजधानी लखनऊ भी शामिल है. नगर निकाय चुनाव की घोषणा के बाद से ही लखनऊ में आचार संहिता लागू हो चुकी है. आचार संहिता लगने के तुरंत बाद से ही जिला प्रशासन की ओर से पोस्टर, बैनर और प्रचार-प्रसार से जुड़े सभी सामानों को हटाने का काम भी तेजी पर कर दिया गया है. आखिर आचार संहिता में किन कामों पर पाबंदियां रहेंगी.

आचार संहिता लागू होते ही लखनऊ में सार्वजनिक उद्घाटन और शिलान्यास नहीं हो सकेंगे. इसके अलावा किसी भी नए सरकारी कार्यक्रम और योजना की स्वीकृति के साथ ही किसी भी योजना की घोषणा नहीं होगी. इसके अलावा आपको बता दें कि सरकार अपनी उपलब्धियों के होर्डिंग नहीं लगा सकेगी. इसके अलावा सरकारी वाहनों के सायरन नहीं बजेंगे. सबसे महत्वपूर्ण बात सरकार उपलब्धियों के विज्ञापन मीडिया में नहीं दे सकेगी. इसके साथ अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले भी नहीं होंगे. हालांकि बाकी सभी काम करने की छूट है.

यूपी नगर निगम चुनाव के चलते लागू हुई आचार संहिता की वजह से अब नगर निगम और डूडा के करीब 100 करोड़ के काम नहीं हो सकेंगे. नई सड़कें अब नहीं बनेंगी. यही नहीं, नई रोड स्वीपिंग मशीन भी नहीं खरीदी जा सकेगी. पिछले सप्ताह में नगर निगम की ओर से करीब 50 करोड़ के टेंडर सड़क निर्माण कार्य के लिए जारी हुए थे. इससे पहले भी करीब 50 करोड़ के टेंडर जारी हुए थे, जिनका काम शुरू नहीं हो पाया है. इसके साथ ही डूडा के करीब एक करोड़ के काम भी रुक गए हैं. इन कामों के लिए सोमवार को ही टेंडर जारी हुआ था. वहीं, स्मार्ट सिटी योजना के करीब 10 करोड़ के काम नहीं हो सकेंगे. इन कामों को तीन दिन पहले ही स्मार्ट सिटी बोर्ड ने हरी झंडी दी थी. हालांकि लखनऊ नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह की मानें तो जो काम पहले से ही चल रहे हैं, उन्हें जारी रखा जाएगा. नए काम नहीं होंगे.